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ईपीएफ और एनपीएस में से रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कौन बेहतर है ? एक्सपर्ट्स से समझिए किसमें निवेश करें

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भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के मद्देनजर ज्यादातर लोग रिटायरमेंट की प्लानिंग करके चलते हैं. रिटायरमेंट या पेंशन के लिए दो विकल्प सबसे लोकप्रिय और अहम हैं- एक कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और दूसरा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) है. अब सवाल ये उठता है कि दोनों में बेस्ट कौन है.

मार्च 2021 और फरवरी 2022 के बीच, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 1.11 करोड़ ग्राहक जोड़े, जबकि NPS ने पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में 93.6 लाख का नामांकन किया. भले ही अधिकांश कंपनियां ईपीएफ की पेशकश करती हैं, लेकिन एनपीएस द्वारा प्रदान किए जाने वाले आयकर लाभ भी हैं. आइए समझते हैं कि कौन सा बेहतर काम करता है?

रिटायरमेंट के लिए बचत करना
इन दोनों निवेश विकल्पों का उद्देश्य आपकी रिटायरमेंट के लिए बचत करना है. इसलिए, ये कम समय या जल्दी पैसा निकालने को हतोत्साहित करते हैं. इनका उद्देश्य होता है कि दशकों के जमा के बाद रिटायर होने पर मोटा अमाउंट आपके लिए जमा करना. ईपीएफ हर साल मिलने वाले रिटर्न पर जोर देता है. भारत सरकार इसके रिटर्न की गारंटी देती है. जब आप अपनी सेवानिवृत्ति तक पहुंचते हैं, तो आपको एकमुश्त राशि मिलती है.

एनपीएस का जोर कम्पाउंडिंग पर
एनपीएस एक डिफाइन योगदान योजना है, जहां आपका पैसा इक्विटी और डेट मार्केट में लगाया जाता है. इसका उद्देश्य होता है आपके हर महीने के योगदान को कम्पाउंडिंग करके रिटायरमेंट तक मोटी रकम में बदलना ताकि अच्छी पेंशन आपको मिल सके.

ईपीएफ एक कर्मचारी लाभ योजना है (केवल वेतनभोगी व्यक्तियों को ही ईपीएफ लाभ मिलता है), जबकि किसी भी पेशे या वर्क स्ट्रक्चर में कोई भी व्यक्ति अपनी सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने के लिए एनपीएस का उपयोग कर सकता है.

NPS का 75 फीसदी एक्विटी में
एनपीएस में आपके पास यह ऑप्शन होता है कि आप बता सकते हैं कि आपका कितना पैसा इक्विटी में लगाया जा सकता है. लेकिन इसकी अधिकतम सीमा मासिक योगदान की 75 प्रतिशत है. ईपीएफ में, आपका पैसा कहां निवेश किया जाता है, इस पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है. यह फंड का 5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत के बीच इक्विटी में निवेश कर सकता है.

किसमें निवेश करें
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जहां भी यह प्रासंगिक और संभव है, हम ग्राहकों को दोनों में कुछ निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. दोनों का उद्देश्य अलग-अलग है. ईपीएफ गारंटीशुदा आय होने के कारण आवश्यक सेवानिवृत्ति खर्चों के लिए बेहतर काम करता है. वहीं, एनपीएस दूसरे अतिरिक्त खर्च या पेंशन के लिए बेहतर विकल्प है.

टैक्स छूट
ईपीएफ और एनपीएस दोनों के लिए टैक्स में छूट का प्रावधान है. दोनों के लिए, आप निवेश की जाने वाली राशि के लिए, आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर योग्य आय से 1.5 लाख रुपये तक की कटौती प्राप्त कर सकते हैं. NPS के लिए आप सेक्शन 80CCD (1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये की कटौती प्राप्त कर सकते हैं.