राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को भारत व इंडोनेशिया के बीच पारस्परिक शांति और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में उलेमा की भूमिका की सराहना की। दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, दोनों देश (भारत और इंडोनेशिया) आतंकवाद और अलगाववाद के शिकार रहे हैं।
हालांकि, हमने चुनौतियों पर काफी हद तक काबू पा लिया है, लेकिन सीमापार आतंकवाद और आईएसआईएस प्रयोजित आतंकवाद आज भी एक खतरा बना हुआ है।
भूकंप पीड़ितों के प्रति जताई संवेदना
इस दौरान डोभाल ने इंडोनेशिया में हाल ही में आए भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति भी संवेदना जाहिर की। एनएसए ने कहा, इंडोनेशिया में हाल ही में आए भूकंप से जान-माल के नुकसान से हम सभी को दुख हुआ है। हमें भूकंप पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। दुख की इस घड़ी में भारत इंडोनेशिया के साथ खड़ा है।
तेजी से मजबूत हो रहे संबंध
भारत और इंडोनिशिया के बीच संबंध पर उन्होंने कहा, दोनों देशों की बेहतरी के लिए हमारे आर्थिक और रक्षा संबंध भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। इस कारण भारत और इंडोनेशिया हिंद-प्रशांत क्षेत्र में फल-फूल रहे लोकतंत्र हैं। उन्होंने कहा, दोनों देश अपने-अपने इतिहास, विविधता और साझा परंपराओं के साथ एशिया में शांति, क्षेत्रीय सहयोग और समृद्धि की संभावनाओं को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। पर्यटन हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण सेतु रहा है।