संचालनालय नगरीय प्रशासन विभाग ने दो नगर निगम सहित 17 नगर पालिका और नगर पंचायतों को इस संबंध में पत्र जारी किया है, जिसमें अंबिकापुर, जगदलपुर, खैरागढ़, छुरिया, जशपुर, खरसिया, मल्हार, मुंगेली, जरही, बैकुंठपुर, कोंडागांव, भानुप्रतापुर, चारामा, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा शामिल हैं।
प्रदेश के 17 नगरीय निकायों के 67 अफसरों और कर्मचारियों पर 93 लाख 64 हजार 536 रुपए गबन का आरोप लगा है। महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए संचालनालय नगरीय प्रशासन विभाग ने संबंधित निकायों को पत्र जारी कर इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही कर सात दिन में अवगत कराने को कहा है। साथ ही महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में गबन का खुलासा होने पर निकायों के प्रमुखों पर गंभीर नाराजगी जताई है।
संचालनालय नगरीय प्रशासन विभाग ने दो नगर निगम सहित 17 नगर पालिका और नगर पंचायतों को इस संबंध में पत्र जारी किया है, जिसमें अंबिकापुर, जगदलपुर, खैरागढ़, छुरिया, जशपुर, खरसिया, मल्हार, मुंगेली, जरही, बैकुंठपुर, कोंडागांव, भानुप्रतापुर, चारामा, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा शामिल हैं। किसी निकाय में 2008-09 तो किसी में 2018-19 के बीच के वित्तीय वर्षों में गबन होने का उल्लेख है। गबन करने वालों की सूची में तत्कालीन आयुक्त, मुख्य नपां अधिकारी से लेकर सहायक राजस्व निरीक्षक, दैनिक वेतन भोगी और प्लेसमेंट कर्मचारी तक के नाम हैं।
1 से लेकर 23 लाख रुपए तक गबन
महालेखाकार द्वारा संचालनालय नगरीय प्रशासन विभाग को दिए गए ऑडिट रिपोर्ट में नगरीय निकायों में एक लाख से लेकर 23 लाख रुपए तक गबन का उल्लेख किया गया है। सबसे अधिक राशि जरही नगर पंचायत के अधिकारी पर है। इस पर 23 लाख 24 हजार 249 रुपए हैं। इसी तरह जगदलपुर नगर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों पर 16 लाख 10 हजार 262 रुपए हैं।