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स्थानीय भाषाओं को भारतीय न्याय प्रणाली में प्राथमिकता मिले, तमिलनाडु में बोले किरण रिजिजू

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चेन्नई: केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू आज तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में डॉ. अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी के 12वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। वहीं इस दौरान उन्हें यहाँ एक अलग अंदाज में देखा गया। यहाँ पहुंचकर उन्होंने यहां के सभी छात्रों को संबोधित भी किया। जी हाँ और सबसे पहले अपने संबोधन में उन्होंने दीक्षांत समारोह में कानून की डिग्री प्राप्त कर रहे छात्रों को बधाई दी। बधाई देने के बाद उन्होंने छात्रों से कहा कि भारतीय न्यायालयों और कानूनी प्रणाली की पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों में क्षेत्रीय भाषाएं होनी चाहिए। मैंने मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों, उच्च न्यायालयों के सभी मुख्य न्यायाधीशों से बात की है कि भविष्य में हमें स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। आप सभी को बता दें कि इससे पहले 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि ‘सुप्रीम कोर्ट में 70,000 मामले लंबित हैं, उच्च न्यायालयों में लगभग 70 लाख और बाकी निचली न्यायपालिका में हैं।’ जी दरअसल निचली न्यायपालिका में लंबित मामले हमारे ध्यान का केंद्र होना चाहिए। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि, ‘महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों को प्रभावी ढंग से निपटाने की जरूरत है।’