हिमाचल प्रदेश में किसे सीएम बनाया जाए, इसे लेकर कांग्रेस पार्टी में अभी सहमति नहीं बन पाई है। किन्तु, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान ने इसकी जिम्मेदारी प्रियंका गांधी वाड्रा को सौंपी है।
वो ही इसका समाधान निकालेंगी। बता दें कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में व्यस्तता के कारण प्रियंका वाड्रा ने ही राज्य में चुनाव की कमान अपने कंधों पर ली थी। गांधी फैमिली के प्रति निष्ठा के अलावा विजेता विधायक प्रियंका के नेतृत्व की भी तारीफ कर चुके हैं।
इसके बाद हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद करिश्माई तरीके से कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया और 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों पर जीत दर्ज की। कम से कम 10 सीटों पर एक फीसद वोट का अंतर रहने के बाद अब कांग्रेस हिमाचल में सिकंदर बनकर सामने आई है। हिमाचल में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस की राह आसान है, मगर मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी में लड़ाई तेज हो चली है। वीरभद्र सिंह की पत्नी और PCC प्रमुख प्रतिभा सिंह की दावेदारी के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू, राजिंदर राणा और CPL नेता मुकेश अग्निहोत्री भी इस दौड़ में आगे चल रहे हैं।
दरअसल, हिमाचल चुनाव में प्रचार की कमान संभालते हुए प्रियंका गांधी की यह पहली चुनावी कामयाबी है। पार्टी उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारी थी। सिरमौर, कांगड़ा, सोलन और ऊना में अपनी रैलियों के दौरान प्रियंका वाड्रा ने अग्निपथ, महंगाई, बेरोजगारी और पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे उठाए थे। पार्टी सूत्रों ने बताया है कि प्रियंका वाड्रा ही मुख्यमंत्री के लिए किसी एक नाम पर मुहर लगा सकती हैं। विधायकों में गांधी फैमिली के प्रति निष्ठा तो है ही साथ ही प्रियंका के नेतृत्व को भी विजयी MLA संजीवनी कह चुके हैं।