नासा (NASA) की ओर से एस्टेरॉयड (Asteroid) को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी गई है. नासा ने कहा कि 2046 में वेलेंटाइन डे पर पीसा के लीनिंग टावर के आकार का एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकरा सकता है.
हालांकि, नासा ने यह नहीं बताया है कि यह एस्टेरॉयड दुनिया के किस देश में और किस शहर से टकराएगा. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 560 में एक फीसदी संभावना है कि 2046 में 14 फरवरी के दिन शाम को करीब 4.40 बजे एक बड़ा 2023 DW एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकरा सकता है. हालांकि, वो किस देश और कौन से शहर में गिरेगा इसका अंदाजा नहीं है.
भारत नहीं आएंगे पाकिस्तान के चीफ जस्टिस, SEO बैठक में वर्चुअली शामिल होने मांगा लिंक वैज्ञानिकों ने जो अनुमान लगाया है कि वो ये है कि पृथ्वी की ओर बढ़ रहा एस्टेरॉयड हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर के किसी भी क्षेत्र भी गिर सकता है. पश्चिम अमेरिका का लॉस एंजिल्स और वाशिंगटन डीसी शहर भी इससे अछूता नहीं रह सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 165 फीट के 2023 DW एस्टेरॉयड की टक्कर के बाद तुंगुस्का जैसा विस्फोट हो सकता है. तुंगुस्का नदी के किनारे हुआ था परमाणु हमले जैसा विस्फोट तुंगुस्का विस्फोट की घटना करीब 114 साल पहले की है.
जब साइबेरिया में तुंगुस्का नदी के किनारे जोरदार धमाका हुआ था और कई मीटर तक आग का गुब्बार उठा था. वैज्ञानिकों की मानें तो एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने के बाद जो विस्फोट हुआ था उससे पूरा एक शहर बर्बाद हो जाता. हालांकि, तुंगुस्का विस्फोट में केवल पेड़ों को ही नुकसान पहुंचा क्योंकि जहां गिरा था वो जंगली इलाका था. भारत-पाक विवाद को सुलझाना चाहें तो हम मदद को तैयार, अमेरिका ने की पेशकश नासा ने मंगलवार को 2023 डीडब्ल्यू की खोज की घोषणा की है.
नासा अब इस एस्टेरॉयड से जुड़ी जानकारी को इकट्ठा करने पर काम कर रहा है. आगे चलकर एस्टेरॉयड से जुड़ी और जाकनारी भी सामने आ जाएगी. नासा ने 2023 डीडब्ल्यू को वर्तमान रिस्क लिस्ट में टोरिनो पैमाने पर 1 के साथ पहले स्थान पर रखा है. जिसका मतलब यह हुआ कि फिलहाल इसे लेकर चिंता का कोई कारण नहीं है.