रायपुर। छत्तीसगढ़ को देश का सबसे स्वच्छ राज्य का सम्मान हासिल हुआ है। केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय ने बुधवार को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रैंकिंग जारी कर दी, जिस पर समूचे देश की नजर थी। प्रदेश को एक साथ कई पुरस्कार मिले।
देश के 29 राज्य, छह केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार छत्तीसगढ़ को मिला। नईदिल्ली, विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों से प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने यह सम्मान प्राप्त किया।
स्वच्छ शहर की कैटेगरी में छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर शहर को देश भर में दूसरा और भिलाई नगर को 11वां स्थान मिला। जबकि दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में रायपुर को सफाई के साथ-साथ सबसे तेज विकसित होता शहर के लिए चुना गया।
मंत्री डहरिया ने कहा कि पिछले सर्वेक्षण के मुकाबले इस बार हमने काफी बेहतर प्रदर्शन किया है और आगे भी इससे बेहतर करेंगे। कार्यक्रम में भिलाई के महापौर और विधायक देवेंद्र यादव, रायपुर निगम के अपर आयुक्त लोकेश्वर साहू, एमआइसी सदस्य श्रीकुमार मेनन, नगरीय प्रशासन विभाग की विशेष सचिव अलरमेल मंगई डी. भी मौजूद थे।
प्रदेश के शहरों की रैंकिंग
छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर शहर को इसके पूर्व वर्ष 2017 में 15वां और 2018 में 11वां स्थान प्राप्त हुआ था। रायपुर की रैंकिंग 2018 में 139 से थी जो 2019 में बढ़कर 41 हो गई है। राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में बिलासपुर को 28वीं, जगदलपुर को 32वीं, दुर्ग को 33वीं, राजनांदगांव को 42वीं, रायगढ़ को 43वीं और कोरबा को 65वीं रैंकिंग प्राप्त हुई है ।
एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में
नरहरपुर को 20वीं, विश्रामपुर को 21वीं, जशपुर को 39वीं , भिलाई चरोदा को 40वीं, सहसपुर लोहारा को 43वीं, बीजापुर को 48वीं, बलरामपुर को 52वीं, चिखलाकसा को 53वीं, पाली को 57वीं, छुरा को 58वीं, सरायपाली को 60वीं, कुनकुरी को 68वीं, कवर्धा को 71वीं, छुर्रीकला को 76वीं, कांकेर को 79वीं, सीतापुर को 81वीं, मगरलोड को 89वीं, झगराखंड को 93वीं और तिफरा को 96वीं रैंकिंग प्राप्त हुई है।
रायपुर ने किए ये पांच बदलाव
स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के पहले रायपुर शहर ने पांच नवाचार किए और इन्हीं से रैंक सुधरी-
– फाइव पीएम आर्मी के लोगों ने सुबह 4 बजे से ओडी (खुले में शौच वाले स्थान) स्पॉट में मोर्चा संभाला, लोगों को रोका-टोका।
– निगम की सभी मीटिंग में आने वालों से 2-2 रुपये लिए, इस राशि को स्वच्छता में लगाया गया।
– शहर को पहली बार ओडीएफ डबल प्लस का सर्टिफिकेट मिला।
– मुख्य बाजारों की सफाई रात में करवाने का निर्णय लिया गया, अफसरों को सारे काम छोड़कर सिर्फ सफाई पर ध्यान देने को कहा गया।
– आम जनता जो स्वच्छता सर्वेक्षण से वाकिफ हुई, एप डाउनलोड किए, इसके जरिए शिकायतें की गईं और उनका समाधान भी हुआ।