नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए नौकरी और शिक्षा में 10% आरक्षण देने को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई टाल दी है। यह सुनवाई अब 28 मार्च को होगी। गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने याचिका तो स्वीकार कर ली थी, लेकिन संविधान संशोधन को लागू करने पर फिलहाल रोक लगाने से इन्कार कर दिया था। आरक्षण को लेकर तहसीन पूनावाला समेत अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है
बता दें कि आर्थिक आधार पर सवर्ण गरीबों को आरक्षण देने के फैसले को चुनौती पूनावाला से पहले जनहित अभियान और यूथ फॉर इक्वेलिटी जैसे संगठनों द्वारा भी चुनौती दी गई है। इस मामले में 25 जनवरी को, अदालत ने कहा था कि वह चार हफ्तों में कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगी।
पूनावाला का तर्क है कि आरक्षण के उद्देश्य के लिए पिछड़ेपन को ‘अकेले आर्थिक स्थिति’ द्वारा परिभाषित नहीं किया जा सकता है। यूथ फॉर इक्वलिटी ने भी यही तर्क दिया है और आरोप लगाया है कि संशोधन बिल संविधान की मूल विशेषताओं का उल्लंघन करता है।
यूथ फॉर इक्वलिटी ने सरकार के इस कदम के समय पर सवाल उठाया है और कहा है कि इस कानून के लागू होने के बाद केंद्रीय और राज्य दोनों स्तर पर राजनीतिक दल और जाति समूह आरक्षण प्रतिशत में वृद्धि की मांग करेंगे।
गौरतलब है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने गत 9 जनवरी को सदन में ये विधेयक पारित किया था, जिसके पांच दिन बाद यह लागू हुआ।