भारत ही दुनियाभर में अब इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल्स का चलन बढ़ने लगा है. अगले साल अप्रैल में मारुति ने अपनी डीज़ल कारों को बंद करने का ऐलान किया है. वहीं, कई और देश साल 2030 तक पेट्रोल-डीज़ल के व्हीकल को बंद करने का फैसला कर चुके हैं. ऐसे में अब पेट्रोलपंप की जगह चार्जिंग स्टेशन खोलकर कमाई करने का बड़ा मौका मिल रहा है. भारत में जापान की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी पैनासॉनिक (Panasonic) 25 शहरों में 1 लाख स्ट्रॉन्ग चार्जिंग स्टेशन लगाने की तैयारी कर रही है. कंपनी का फोकस भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उसके मुकाबले चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराने का है. कंपनी पार्किंग स्टेशन, मॉल, पेट्रोल पंप आदि पर चार्जिंग स्टेशन लगाएगी. इसके अलावा फ्रेंचाइजी भी देगी.
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देश भर में 25 से 30 फीसदी वाहन इलेक्ट्रिक हों ताकि प्रदूषण कम किया जा सके. वहीं चालू वित्त वर्ष में सरकार का उद्देश्य करीब 4500 चार्जिंग स्टेशन बनाने का है . ये सभी राष्ट्रीय और राज्यों के राजमार्गों पर बनाए जाएंगे.
आइए जानें इसके बारे में…
क्या है प्लान-पैनासॉनिक ने एक बयान में कहा कि पहले चरण में, पैनासोनिक ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सर्विस देने के स्मार्ट ई एवं क्यूक्विक के साथ साझेदारी की है.
>> इसके तहत पैनासोनिक दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 150 स्मार्ट इ इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स और 25 क्यूक्विक 2 व्हीलर पर ईवी चार्जिंग सर्विस स्थापित करेगी.
>> Nymbus के तहत फिजिकल कंपोनेंट जैसे चार्जिग स्टेशन, स्वैप स्टेशन, ऑनबोर्ड चार्ज, टेलीमेटिक्स सिस्टम एवं वर्चुअल कंपोनेंट जैसे क्लाउड सर्विस, एनालिटिक्स, इंट्यूटिव डैशबोर्ड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेवा दी जाएंगी.
>> इस सर्विस का मकसद व्यक्तिगत ईवी यूजर्स, ईवी फ्लीट ओनर्स, ईकॉमर्स एंड लॉजिस्टिक कंपनियों की मदद करना है. निंबस वाहन पर टेलीमेटिक्स सेंसर्स के साथ आएगी. इससे फ्लीट मालिक अलग—अलग गाड़ियों में बैटरी के इस्तेमाल को ट्रैक कर सकेंगे.
>> पैनासोनिक इंडिया के प्रेसिडेंट एवं सीईओ मनीश शर्मा ने कहा कि इस सर्विस के लॉन्च होने से भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स अपनाने वाले लोगों को मदद मिलेगी. पैनासोनिक ऐसी पहली कंपनी है जो इस तरह का कॉमन प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है.
यहां खुलेंगे स्टेशन- कंपनी पहले दिल्ली, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नै, अमरावति, हैदराबाद, गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में चार्जिंग स्टेशन हब बनाएगी. यहीं से इसका विस्तार होगा.
>> कंपनी ने भारत में अपनी तरह की पहली स्मार्ट ईवी चार्जिंग सर्विस, निंबस लॉन्च की है.
>> इसके तहत फिजिकल कंपोनेंट जैसे चार्जिंग स्टेशन, स्वैप स्टेशन, ऑन बोर्ड चार्ज, टेलीमेटिक्स सिस्टम एवं वर्चुअल कंपोनेंट जैसी सर्विस दी जाएंगी.
>> क्लाउड सर्विस एनालिटिक्स, इंट्यूटिव डैशबोर्ड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेवाएं दी जाएंगी.
आपको बता दें कि ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए कंपनी अखबारों और इंटरनेट के जरिए विज्ञापन देकर सूचित करेगी. इसके लिए सभी शर्तों की जानकारी दी जाएगी.
सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रही है. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles) के लिए नेशनल हाईवेज पर चार्जिंग स्टेशन (Charging Station) लगाने के काम में तेजी आ सकती है. इन्हें लगाने के लिए 15 राज्यों ने नोडल एजेंसियों की घोषणा कर दी है. एक साल के भीतर हाईवे पर चार्जिंग स्टेशन लगेंगे जिसमें 4,000 से ज्यादा EV चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे.
हर 30 किमी पर लगेगा एक चार्जिंग स्टेशन
हर 30 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन लगेंगे जिसके लिए सरकार 1,050 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी देगी. ये चार्जिंग स्टेशन एनटीपीसी, पावर ग्रिड के साथ मिलकर लगाए जाएंगे. 2030 तक 40 फीसदी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का लक्ष्य है.
ये कंपनियां लगाएंगी चार्जिंग स्टेशन
बता दें कि ईवी टाटा मोटर्स, एमएंडएम जैसी कंपनियां बनाती हैं. दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड, गुजरात एनर्जी विकास एजेंसी, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, BESCOM, TSREDCO जैसी नोडल एजेंसिया चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लगाएंगी. इन कंपनियों को 3 साल तक चार्जिंग स्टेशन की मैंनेंटस करना होगा.