कुछ दिनों पहले चीन में तीसरे वर्ल्ड इंटैलिजेंस कांग्रेस के आयोजन में एक ऐसी चीज सामने आई जिससे हर कोई हैरान रह गया. पक्के तौर पर अगर ये कारगर हुई तो इंसानी दुनिया का भविष्य बदलकर रख सकती है. ये हमें चलता फिरता कंप्युटर तो बना सकती है लेकिन ये आशंका है कि इससे हम कहीं तकनीक की नई दुनिया में गुलाम ना बन जाएं.
हालांकि इसमें कोई शक नहीं कि चीन की ये तकनीक गजब की है. चीन ने इसे ब्रेन रीडिंग चिप के तौर पर पेश किया है. इसका वैज्ञानिक नाम है बीसी3 यानि ब्रेन कंप्युटर कोडेक चिप. वैसे बोलचाल में इसे ब्रेन टाकर कहा जा रहा है. ये बहुत छोटी लेकिन जबरदस्त स्पीड से काम करने में सक्षम चिप होगी.
यानि इस चिप के जरिए ब्रेन कंप्युटर इंटरफेस (बीसीआई) तैयार किया जा सकेगा. वैसे ये कांसैप्ट नया नहीं है. वैज्ञानिक इससे पहले भी बीसीआई डिवाइस बना चुके हैं, जिससे पैरालाइज व्यक्ति अपने रोबोटिक हाथ को नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन अब तक कोई ऐसी चिप नहीं बनी जो आपके दिमाग में झांक सके या दिमाग को बाहुबली बना दे.
ये ऐसी डिवाइस होगी जो मानवीय ब्रेन को कंप्युटर्स से जोड़ेगी.इसे तैयार किया है चीन के सरकारी विभाग चीन इलैक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन और तियानजिन यूनिवर्सिटी ने मिलकर.
ये ब्रेन चिप क्या करेगी
लंबे समय से हम लोग सुनते आ रहे हैं विज्ञान की दुनिया ऐसी चिप विकसित करने में लगी है, जो हमारे शरीर में लगा दी जाएगी, जिससे हमारी हर गतिविधि या आने-जाने की जानकारी पता लगाई जा सकती है. निश्चित तौर पर ऐसी चिप तो विकसित हो चुकी हैं. लेकिन अब चीन ने जिस चिप को विकसित किया है, वो इससे कई कदम आगे है.
ये है चीन की वो ब्रेन चिप बीसीथ्री, जो आने वाले समय में दुनिया को बदल सकती है
ब्रेन करेगी कंप्युटर को कंट्रोल
मोटे तौर पर कहा जा रहा है कि इस चिप को लगाते ही हमारे ब्रेन की हर गतिविधि, हर जानकारी, हर इच्छा और हर मर्जी को कंप्युटर समझेगा. हम जो चाहेंगे वो वैसा करेगा यानि वो हमारे नियंत्रण में होगा और हमारी हर मर्जी का पालन करेगा. यानि हम जो चाहेंगे कंप्युटर करने लगेगा. वैसे ये दावा किया गया है कि इससे ब्रेन के न्यूरो संरचना पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
ब्रेन के इशारों पर नाचेगी दुनिया
चीन के वैज्ञानिकों का् कहना है कि केवल कंप्युटर ही क्यों बल्कि कंप्युटर आधारित कोई भी डिवाइस, स्मार्टफोन बगैर हमारे हरकत में या कोई बटन दबाए बगैर हमारी मर्जी से संचालित होने लगेंगे. मान लीजिए आपने अपने दिमाग में ताजमहल की कोई जानकारी चाही तो आपके कंप्युटर की सक्रीन पर तुरंत ताजमहल की सारी जानकारी दिखने लग जाएगी. इसी तरह अगर किसी डॉक्टर को कॉल करना चाहते हैं तो चिप से जुड़ा स्मार्टफोन तुरंत आपके बोले बस आपने दिमाग की बात समझ कर डॉक्टर को फोन घुमा देगा.
आपके घर में कंप्युटर आधारित जितनी डिवाइस होंगी, सब इस चिप के बाद आपकी इच्छाओं या ब्रेन के इशारों के जरिए आपकी बात समझने लगेंगी या ब्रेन के सिगनल्स के जरिए आपके हुकुम का तालीम करने लगेंगी.
वैसे 2017 में नेटफ्लिक्स ने कहा था कि उसने एक ऐसा हेडबैंड बनाया है, जो पहनने वाले के माइंड को पढ़ सकता है और उस आधार पर उनके लिए शो फिक्स कर सकता है.
ये आपको बहुत ताकतवर भी बना सकती है लेकिन हर जानकारी को मास्टर कंट्रोल रूम तक भी पहुंचा सकती है
ब्रेन की छोटी सी भी हरकत बदलेगी सिगनल में
चिप लगते ही ब्रेन से आने वाली तरंगें ही कंप्युटर को संचालित करेंगी और ये आपके निर्देशों को ग्रहण करेगा. सिगनल कैसे बनेंगे और कैसे कंप्युटर तक पहुंचेंगे, इसकी अपनी प्रक्रिया होगी. वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रेन टॉकर कहा जाने वाला ये चिप पहले दिमाग के अंदर सेरेब्रल कोर्टेक्स में पैदा होने वाले हर छोटे से छोटे इलैक्ट्रॉनिक आवेगों को पकड़ेगा. फिर इन्हें सिगनल में बदलेगा, जिसे कंप्युटर की ओर भेजा जा सकेगा.
पढाई, गेमिंग और चिकित्सा बन सकता है वरदान भी
ये विश्व की पहली ब्रेन कंप्युटर कोडेक चिप (बीसी3) है. भविष्य में, इस तकनीक का इस्तेमाल पढाई, गेमिंग और मेडिकल डिवाइस के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. ये उन तमाम लोगों के लिए तो बहुत उपयोगी हो सकती है जो चल फिर भी नहीं सकते, उन्हें बोलने में दिक्कत होती है. अगर आपके शरीर के किसी हिस्से में कोई दिक्कत है, तो आपका ब्रेन सीधे वो जानकारी कंप्युटर को भेज सकेगा, जिसे आसानी से डॉक्टर समझ सकेंगे और इलाज में आसानी रहेगी.
अगर आप कोई गेम कंप्युटर पर खेल रहे हैं तो आपको बटन दबाने की जरूरत नहीं हैं बल्कि गेम की कमांड आपका दिमाग देगा और तुरंत स्क्रीन पर आप उसका पालन होते देखने लगेंगे.
अभी ये साफ नहीं है कि ये चिप ब्रेन में अंदर इंप्लांट की जाएगी या फिर शरीर के बाहर चिपकाई जाएगी
शरीर में कहां लगेगी ये चिप
ये चिप किस तरह लगेगी..क्या ये आपके दिमाग में इंप्लांट होगी या आप इसे बाहर अपनी शरीर पर लगा सकेंगे-ये अभी साफ नहीं हुआ है. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे बाहर भी पहना जा सकेगा.
यकीनन अगर कोई ऐसी चिप हरकत में आ गई और लोग इसे पहनने पर सहमत हो गए तो ये दुनिया एक अलग दौर और अलग तकनीक क्षेत्र में प्रवेश कर जाएगी.
हमेशा से लिए बन सकते हैं गुलाम
जैसे कि हर बात के दो पहलू होते हैं, उसी तरह इसके भी दो पहलु होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. ये तय है कि अगर कोई चिप आपके दिमाग की बातों को पढ़ने लगेगा तो ये भी सही है कि आपकी सारी जानकारी, सारी सोच और सारी गतिविधियां भी कंप्युटर में रिकार्ड होंगी.
अगर ये चिप किसी नेटवर्किंग या सर्वर या मास्टर कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा तो ये सारी बातें वहां भी बखूबी रिकार्ड होती रहेंगी. यानि साफ है कि आप एक अदृश्य तौर पर हमेशा के लिए डिजिटल कैदी बन जाएंगे.
ये चिप अगर आपकी हर गतिविधि को रिकार्ड करेगी तो आप मुसीबत में भी फंस सकते हैं और आप पर हमेशा एक अदृश्य नजर रहेगी
जेल भी पहुंच सकते हैं
अगर चिप के जरिए दिमाग को पढा जान लगेगा तो आपकी प्राइवेसी तो खत्म होगी बल्कि अगर आपके दिमाग में कोई साजिश या ऐसी योजना पल रही है, जिससे व्यवस्था को खतरा हो सकता है तो आप पकड़े भी जा सकते हैं.
ये भी संभव है कि चिप लगाते ही आप किसी सर्वर या मास्टर कंट्रोल रूम से जुड़ जाएं. जो आपकी हर हरकत पर बारीक नजर रखे. यानि ये चिप आने वाले समय में आपको अगर बंधुआ बना सकती है तो आपकी जिंदगी को खुली किताब भी बना सकती है, जहां जो कुछ आपका अपना है वो पराया हो जाएगा.