छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार आई तब इसका विश्लेषण कांग्रेस की जीत कम और बीजेपी को जनता द्वारा हराना ज्यादा माना गया. हार के बाद करीब एक महीने तक बीजेपी इस सदमे से नहीं उबर पाई. वहीं पार्टी के कई नेताओं को विपक्ष की भूमिका में सहज होना भी काफी मुश्किल लग रहा था. लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार को 6 महीने पूरे होने के बाद अब बीजेपी ने जनता के हित के लिए एक बड़े आंदोलन का एलान किया है जिससे सवाल उठ रहे है कि क्या वाकई बीजेपी एक मजबूत विपक्ष की भूमिका में आ चुकी है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने जब अपने कुछ फैसले वापस लिए तब उसका श्रेय बीजेपी ने लिया. बीजेपी का दावा था कि उन्होंने एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाई तभी कांग्रेस सरकार को जनता के हित में फैसले लेने पड़ रहे है.
बीजेपी ने रखा ये दावा
हालांकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 6 महीनों में भारतीय जनता पार्टी अभी तक कोई बड़ा आंदोलन नहीं किया. केवल मुद्दों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का ही दौर चलता रहा. इसके बाद होती किरकिरी से उबरी बीजेपी ने पूर्ण शराब बंदी को लेकर सरकार को घेरना शुरू किया. वहीं इसके बाद विधानसभा में किसानों की कर्ज माफी में हो रही अव्यवस्थाओं को लेकर भी बीजेपी ने घेरा. इसके बाद सरकार ने अपने किए घोषणा पत्र में बिजली बिल हाफ का जो वादा किया था उसकी भी घोषणा की. बीजेपी का दावा रहा कि सरकार ने उनके दबाव में यह फैसला लिया. बीजेपी का तो यह भी दावा है कि उन्होंने यदि मजबूत विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई होती तो लोकसभा में जनता उन्हें हाथों हाथ नहीं लेती क्योंकि उन्होंने सरकार की पोल खोली है और इसलिए बीजेपी को लोकसभा में जीत हासिल हुई है.
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह की दलील
बस्तर और सरगुजा में आदिवासियों के आंदोलन में बीजेपी कहीं भी खड़ी दिखायी नहीं दी. कई विवादित अधिकारियों को कांग्रेस की सरकार में तवज्जों मिला लेकिन बीजेपी ने कोई प्रदर्शन नहीं किया. अब जब प्रदेश के पूर्व मुखिया डॉ. रमन सिंह जनता के हितों को लेकर 22 जून को प्रदेशव्यापी आंदोलन की बात कह रहे है. डॉ. रमन सिंह का कहना है कि बीजेपी ने भूपेश सरकार को 6 महीने का वक्त दिया और अब पानी सिर से उपर चला गया है इसलिए ये प्रदर्शन किया जा रहा है.
कांग्रेस का तर्क
वहीं कांग्रेस सरकार के मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि बीजेपी क्या कर रही है, उस पर कांग्रेस टिप्पणी नहीं करेगी. बल्कि लखमा ने 6 महीने में भूपेश बघेल की सरकार की उपलब्धियों को गिनाना शुरू कर दिया. इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी के इस आंदोलन को राजनीतिक गतिविधि ही करार दिया है.