सरकारी कर्मचारियों को जो वेतन दिया जाता हैं उसमें उनके कई भत्ते भी शामिल होते हैं जो कि पद के अनुसार तय होते हैं। सरकार द्वारा समय-समय पर इन भत्तों पर समीक्षा कर इनमें बदलाव किया जाता हैं। इसी ओर कदम बढ़ाते हुए हाल ही में सरकार द्वारा रेलवे के ग्रुप ए अधिकारीयों के प्रभार भत्ता को समाप्त करने की खबरें आ रही हैं। इन भत्तों में बदलाव का कारण सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को बताया जा रहा हैं।
एक आधिकारिक बयान से यह पता चला है कि भारतीय रेलवे के ग्रुप ए अधिकारी अब भत्ता नहीं ले पाएंगे। रेलवे बोर्ड ने एक प्रणाली की व्यवस्था की रही जिसमें 3 से 6 वर्षों में पदोन्नत नहीं होने वाले अधिकारियों को प्रति माह 1,500 रुपये का भत्ता दिया जाता था।हालांकि अब रेलवे बोर्ड के नए आदेश के बाद, ग्रुप ए अधिकारियों को ऐसी कोई राशि नहीं मिलेगी। रेलवे बोर्ड द्वारा आदेश के अनुसार, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में शामिल नहीं होने के कारण चार्ज भत्ता बंद किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने सातवीं सीपीसी रिपोर्ट पर निर्णय लेने के लिए वित्त सचिव की समिति से संपर्क किया और समिति द्वारा सिफारिशों को 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया।
दिनांक 08-08-2019 को जारी किए गए आधिकारिक बयान के अनुसार, यह आदेश दिया गया है कि भारतीय रेलवे में एक उच्च पद पर कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रभार भत्ता, जो 7 वीं सीपीसी की रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया था और इसलिए इसे समाप्त कर दिया गया है। यह अब रेलवे बोर्ड द्वारा तय किया जाएगा।