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देश में दुसरे नंबर पर पोल्ट्री फार्म बेल्ट बंद होने की कगार पर पहुंची

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देश में अंडा उत्पादन में दूसरे स्थान पर काबिज बरवाला पोल्ट्री फार्म बेल्ट इन दिनों मुर्गी की खुराक महंगी होने के चलते मंदी की मार झेल रही है। उत्तर भारत के जम्मू एंड कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान तक बरवाला पोल्ट्री फार्म बेल्ट से अंडा सप्लाई होता है। लेकिन मुर्गी के एक अंडे पर करीब 4 रुपये की लागत आने और अंडे का दाम 2 रुपये 80 पैसे होने के कारण पोल्ट्री फार्म बेल्ट इस बुरे दौर से गुजरते हुए बंद होने की कगार पर खड़ी है। दूसरी तरफ पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन ने सरकार की तरफ से मुर्गी की फीड में जो अनाज प्रयोग में आता है, उस पर सब्सिडी देने की मांग की है। अमर उजाला से खास बातचीत में यह बात सामने आई है कि बरवाला पोल्ट्री बेल्ट और कुछ अंबाला जिला के फार्मों में करीब 2.5 करोड़ मुर्गी है, जो 80 प्रतिशत अंडा देती है। जिन्हें रोजाना एक रुपये के करीब घाटा पड़ रहा है। वहीं, मंदी की मार के चलते कई लोग तो इस व्यापार से मुंह मोड़ चुके हैं। क्योंकि अंडे में पड़ रहा घाटा, अब बर्दास्त से बाहर हो चुका है। आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया
इस वक्त प्रति अंडे पर करीब 4 रुपये खर्च आ रहा है और अंडा 2 रुपये 80 पैसे में बिक रहा है। इस घाटे का बड़ा कारण मुर्गी की खुराक का महंगा होना है। पहले बाजरा 13 सौ रुपये प्रति क्विंटल मिलता था, जो आज 17-18 सौ रुपये में मिल रहा है। फीड में डाले जाने वाला अन्य सामान जैसे मक्की, सोयाबीन इत्यादि भी महंगा हुआ है। बरवाला पोल्ट्री फार्म बेल्ट में 152 के करीब पोल्ट्री फार्म है। जिसमें कई हजार लोगों का रोजगार भी टिका हुआ है और वहीं यदि अंडा व्यापार प्रभावित होता है तो फिर कई राज्यों में अंडे के दामों पर इसका गहरा असर पड़ेगा।
घाटे के चलते मिड-डे-मील में शामिल करने की मांग
अंडे में ज्यादा प्रोटीन होने के कारण, इसे पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन ने दूसरे राज्यों की तर्ज पर मिड-डे-मील में शामिल करने की मांग की है। जिसमें प्रदेश सरकार से मांग है कि वह अनाज की खरीद पर पोल्ट्री फार्म्स को सब्सिडी देने का काम करें। जिससे उन पर पड़ रहा मुर्गी की खुराक का अतिरिक्त बोझ कम हो पाएगा।
अंडे का फंडा: बरवाला पोल्ट्री फार्म बेल्ट
– करीब 152 पोल्ट्री फार्म है बरवाला में
– सभी पोल्ट्री फार्मों में कुल अढ़ाई करोड़ मुर्गियां
– बरवाला से देश के 7 राज्यों में सप्लाई होता है अंडा
– ज्यादातर पोल्ट्री फार्मों में एक लाख से ज्यादा मुर्गियां
– उत्पादन का असर सीधा अंडा मार्केट पर पड़ता है
क्या कहते हैं पोल्ट्री एसोसिएशन प्रधान
पोल्ट्री फार्म का व्यापार इस वक्त भारी आर्थिक मंदी झेल रहा है। पोल्ट्री फार्म संचालकों ने सरकार से राहत की मांग है, ताकि पोल्ट्री फार्मों पर निर्भर मजदूरों के परिवारों की भी दो वक्त की रोटी का गुजारा हा सकें। सरकार अनाज पर सब्सिडी देने का काम करें। जिससे मुर्गी की महंगी खुराक से राहत मिल सकें।
– दर्शन सिंगला, प्रधान हरियाणा पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन बरवाला।