श्रीहरिकोटाः प्रक्षेपण के 29 दिन बाद चंद्रयान-2 आज यानी मंगलवार को सुबह चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक दाखिल हो गया है..इसरो ने ट्वीट कर यान के चांद की कक्षा में पहुंचने की जानकारी दी. चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर सात सितंबर को चंद्रमा पर लैंड करेगा.खबरों के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी भी चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए इसरो में मौजूद रहेंगे. इसरो के प्रमुख के सिवन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने इस अभियान की जानकारी दी साथ ही इसे बड़ी सफलता बताया.
इसरो प्रमुख ने कहा कि सुबह 9 बजे चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-2. अभी चंद्रयान-2 चांद की परिक्रमा कर रहा है. कहा कि हम पूरी तरह से एक्यूरेसी पर काम कर रहे हैं ताकि मिशन चंद्रयान-2 को चांद के दक्षिणी सतह पर उतार सके. बताया कि 28, 30 अगस्त और 1 सितंबर को चंद्रयान-2 को 18 हजार किलोमीटर की ऊंचाई से 100/100 किलोमीटर की ऊंचाई तक लाएंगे.
अब चंद्रयान-2, 118 किमी की एपोजी (चांद से कम दूरी) और 18078 किमी की पेरीजी (चांद से ज्यादा दूरी) वाली अंडाकार कक्षा में अगले 24 घंटे तक चक्कर लगाएगा. इस दौरान चंद्रयान की गति को 10.98 किमी प्रति सेकंड से घटाकर करीब 1.98 किमी प्रति सेकंड किया गया.
चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद 31 अगस्त तक चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाता रहेगा. इस दौरान एक बार फिर कक्षा में बदलाव किया जाएगा. चंद्रयान-2 को चांद की सबसे करीबी कक्षा तक पहुंचाने के लिए चार बार कक्षा बदली जाएगी.
चन्द्रयान 2 को चंद्रमा पर स्थापित करने की प्रक्रिया बहुत जटिल है क्योंकि इसमें 39,240 किलोमीटर प्रति घंटे का वेग है. यह गति हवा के माध्यम से ध्वनि की गति से लगभग 30 गुनी है. इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन ने कहा, एक छोटी सी गलती भी चंद्रयान 2 की चंद्रमा के साथ मुलाकात नाकाम कर सकती है.
बता दें कि यह भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान है. गत 22 जुलाई को प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था.
बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलुरु स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.
इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं. यदि यह अभियान सफल रहा तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर रोवर पहुंचाने वाला चौथा देश बन जाएगा.