छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलौदाबाजार (Balodabazar) जिले में बच्चों के लापता (Missing) होने का मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. लापता होने वालों में लड़कियां (Girls) अधिक हैं. एक आंकड़े के मुताबिक पिछले एक साल में ही बलौदाबाजार में बच्चों के लापता होने के 105 मामले अलग अलग पुलिस थानों (Police Station) में दर्ज हैं. इनमें से 90 लड़कियां हैं. पुलिस नाबालिगों के मामले में अपहरण (Kidnapping) का जुर्म दर्ज कर जांच कर रही है. तेजी से लापता होने को प्रदेश में मानव तस्करी (Human trafficking) से जोड़कर देखा जा रहा है. साथ ही मामलों में उचित कार्रवाई की मांग की जा रही है.
बलौदाबाजार (Balodabazar) जिले में बच्चे सभी थाना क्षेत्रों से लगातार लापता हो रहे हैं, जिनमें नाबालिग व स्कूली लड़कियों की संख्या ज्यादा है. पुलिस विभाग (Police Department) के एक आंकड़े के अनुसार साल भर मे जिले के सभी 14 थाना क्षेत्रों से कुल 105 बच्चे लापता हुए, जिसमें से 90 बच्चे नाबालिग बालिका थीं. बलौदाबाजार में लापता होने के सबसे ज्यादा मामले भाटापारा ग्रामीण पुलिस थाने में दर्ज हैं. यहां बीते एक साल में 16 बच्चों के लापता होने का मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 13 लड़कियां हैं.
यहां से 12 बच्चे लापता
बलौदाबाजार के कसडोल पुलिस थाने में बीते एक साल में 12 बच्चे लापता हुए, जिसमें से 10 बालिका थीं. इन्हें भी अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है. इससे स्पष्ट है कि जिले मे पिछले एक साल मे लापता बच्चो की संख्या खासकर लड़कियों के लापता होने के मामले बढ़े हैं, लेकिन उनके बरामदगी के लिये चालाया जा रहे ऑपरेशन मुस्कान की टीम को कोई खास सफलता नहीं मिल सकी है. बलौदाबाजार एसपी नीतू कमल की माने तो छ: माह मे लगभग पचास बच्चों को खोजकर परिजनों के हवाले किया गया है, लेकिन वे पिछले तीन चार साल पहले भागे हुए बच्चे थे. वर्तमान में लापता बच्चों की तलाशी के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. जल्द ही सफलता मिलने की उम्मीद है.