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पीवीवीएनएल : स्मार्ट मीटरों ने बढ़ा दिए बिल…

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ऑफिस में बैठे ही बिजली चोरी रोकने और उपभोक्ताओं को सही रीडिंग का बिल मुहैया कराने जैसे बड़े दावों के साथ लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के आंसू निकाल रहे हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद से उपभोक्ताओं के बिल सामान्य मीटरों के मुकाबले दो से तीन गुना आ रहे हैं। वहीं खराब फिटिंग के चलते कहीं केबल जल रहे हैं तो कहीं मीटर फुंक रहे हैं। इन समस्याओं के लिए समाधान के लिए उपभोक्ता बिजलीघर के चक्कर काट रहे हैं। अमर उजाला ने मामले की पड़ताल की तो कई मामले सामने आए। केस नंबर एक
लिसाड़ी गेट बिजलीघर क्षेत्र के गोला कुआं निवासी अख्तर अंसारी के यहां तीन माह पहले स्मार्ट मीटर लगाया गया था। पहले बिल 1100 से 1200 के बीच आता था। स्मार्ट मीटर लगने के बाद से 2000 से 2500 रुपये की बीच आ रहा है। अधिकारियों से शिकायत करने पर उन्होंने कहा कि इसे जमा कर दो अब सही बिल आएगा। इसके बाद से स्थिति जस की तस है। उनकी समस्या का आजतक समाधान नहीं हुआ।
केस नंबर दो:
सुभाषनगर गली नंबर दो निवासी धर्मप्रकाश जौहरी के यहां लगे स्मार्ट मीटर के आउटर केबल में गत 31 जुलाई को आग लग गई थी। जानकारी पर जेई ने लाइनमैन भेजकर रिपोर्ट भी बनवा ली। तीन सप्ताह से उपभोक्ता का बंद पड़ा मीटर नहीं बदला गया। अधिकारियों से शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
केस नंबर तीन:
नेहरू नगर निवासी कलावती देवी के यहां पांच माह पहले स्मार्ट मीटर लगाया गया था। उतारे गए पुराने मीटर को लैब में चेक करने का नोटिस पांच माह बाद एक अगस्त को भेजा गया।

ये तीन मामले बानगी भर हैं। ऐसे सैकड़ों मामले शहर में हैं। उपखंड अधिकारी कार्यालयों से लेकर खंड कार्यालयों तक गलत बिजली बिलों और खराब मीटर आदि को ठीक कराने के लिए उपभोक्ता पहुंच रहे हैं। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।

14 जिलों में लगाने हैं 10 लाख मीटर
पीवीवीएनएल के तहत आने वाले 14 जिलों में पहले चरण में मार्च 2020 तक 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। करीब दो लाख मीटर लगाए जा चुके हैं। कंपनी अधिकारियों का दावा है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद जहां ऑफिस बैठे ही मीटर रीडिंग ली जा सकेगी, वहीं बिजली चोरी की सभी संभावना खत्म हो जाएगी। जो भी उपभोक्ता इस मीटर में शंट आदि लगवाकर बिजली चोरी का प्रयास करेगा उसकी जानकारी विभाग को हो जाएगी।

क्या बोले अधिकारी
उपभोक्ताओं को सही बिजली बिल मुहैया कराने और बिजली चोरी की संभावनाओं को खत्म करने के मकसद से स्मार्ट मीटर लगवाए जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर से एक्यूरेट बिल बनता है। अगर कहीं कोई दिक्कत आ रही है और अधिकारी उसे ठीक नहीं कर रहे हैं तो यह गंभीर मामला है। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।