कुछ चीजें हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा होती हैं, इसलिए उनके पीछे के कारण या उनके बारे में हम ज्यादा सोचते ही नहीं है. जैसे हमें हिचकी क्यों आती है? हमें डकार क्यों आती है? क्यों छींकते वक्त हमारी आंखें बंद हो जाती हैं? आदि. शरीर में खुजली होना भी ऐसी ही सामान्य सी बात है लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आखिर खुजली होने के पीछे की वैज्ञानिक वजह क्या है.
शोधकर्ताओं ने पाया है कि रीढ़ की हड्डी में मौजूद न्यूरॉन्स किस तरह हमारे दिमाग को खुजली करने के लिए संकेत भेजते हैं. यह शोध ‘जर्नल ऑफ दी मैकेनिकल बिहेवियर ऑफ बायोमेडिकल मटेरियल’ में प्रकाशित हुआ है. इस शोध से खुजली के पीछे की वैज्ञानिक वजहों की बेहतर समझ हासिल की जा सकती है. यहां तक की खुजली के निदान के लिए नई दवाइयों का आविष्कार भी किया जा सकता है. खुजली एक समान प्रक्रिया तो है ही पर कई मामलों में ये गंभीर बीमारियों के लक्षण का हिस्सा भी है. जैसे- एक्जिमा, मधुमेह, यहां तक की कैंसर भी.
कैलिफॉर्निया की साल्क इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर मार्टिन गॉल्डिंग ने कहा, यह यांत्रिक खुजली संवेदना स्पर्श के अन्य रूपों से अलग है. इसमें रीढ़ की हड्डी के भीतर
यांत्रिक खुजली का मार्ग होता है. शोधकर्ताओं ने पूर्व में रीढ़ की हड्डी में निरोधात्मक न्यूरॉन्स का एक सेट खोजा था. जो रीढ़ की हड्डी में मौजूद यांत्रिक खुजली मार्ग को बंद रखते हुए अधिकांश समय सेलुलर ब्रेक की तरह काम करते हैं.
रीढ़ की हड्डी में मौजूद इन न्यूरॉन्स जो न्यूरोट्रांसमिटर न्यूरोपेपटाइड Y (NPY) उत्पन्न करती हैं, के बिना हमारे शरीर में खतरनाक खुजली की समस्या पैदा हो सकती है…