मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों से दीपावली सहित अन्य त्यौहारों के समय में छत्तीसगढ़ के कुम्हारों, हस्तशिल्पियों, बुनकरों एवं अन्य कारीगरों द्वारा बनाये गए दीयों, वस्त्र, सजावट की वस्तुएं, उपहार एवं अन्य सामग्री की अधिकाधिक खरीदी करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आपके इस छोटे से प्रयास से इन छोटे-छोटे कामों में लगे राज्य के लाखों लोगों के जीवन में खुशियां आ सकेंगी।
श्री बघेल ने इस संबंध में प्रदेशवासियों के नाम जारी पत्र में कहा है कि आप सभी राज्य के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों के क्रय के साथ ही अन्य सभी को भी इन वस्तुओं के क्रय के लिए प्रोत्साहित करें, तो अपनी माटी की महक बिखरेगी और कुम्हारों, हस्तशिल्पियों, बुनकरों एवं अन्य कारीगरों के साथ दिवाली की खुशियां बाटने का अवसर मिलेगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके इस छोटे से प्रयास से राज्य के लाखों लोगों के जीवन में दीपावली की खुशियां आ सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार की ओर से भी हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि हमारे कारीगर अधिक से अधिक वस्तुएं उत्पादित कर सकें। इसी कारण सरकार द्वारा ’पौनी पसारी’ योजना लागू की गई है। श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि माता कौशल्या की भूमि छत्तीसगढ़ में त्यौहारों का समय निकट है। दीपावली, गोवर्धन पूजा, गऊरा-गऊरी तथा भाई दूज जैसे त्यौहार हमारी समृद्ध संस्कृति का प्रतीक हैं। इन त्यौहारों को राज्य के सभी नागरिकों द्वारा अत्यंत उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। दीपावली के त्यौहार में सभी की यह कामना होती है कि उनके घरों में लक्ष्मी माता तथा सुख समृद्धि का वास हो। अनादि काल से हमारी ’’सर्वे भवन्तु सुखिनः’’ सिद्धांत पर आस्था रही है। अर्थात हमारी संस्कृति में अपने साथ ही सभी के सुखी रहने की प्रार्थना करने की परंपरा है।
इसी तारतम्य में मुख्यमंत्री ने आगामी त्यौहारों के समय में राज्य के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों के क्रय के साथ ही अन्य लोगों को भी इन वस्तुओं के क्रय हेतु प्रोत्साहित करने का आग्रह किया है। श्री बघेल ने पत्र में कहा है कि ’’तमसो मा ज्योतिर्गमय की भावना के अनुरूप आइए हम सब छत्तीसगढ़वासी सभी की खुशहाली की कामना के साथ एक दीप छत्तीसगढ़ महतारी को समर्पित करते हुए प्रज्ज्वलित करें’’ और समृद्ध और खुशहाल गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने में भागीदारी निभाएं।