साल 2011 की जनगणना के आधार पर बनी आयुष्मान सूची में जिन परिवारों का नाम हैं, कियोस्क सेंटरों पर उन्हीं के सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बन रहा है। इस सूची में कोई भी किसी के परिवार को न जोड़ सकता है, न ही किसी परिवार का नाम उससे हटाया जा सकता है। यह प्रक्रिया छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में भी जारी है। कियोस्क सेंटर या अस्पतालों के आयुष्मान मित्र, सूची में शामिल परिवारों का केवल छूटा हुआ डाटा जैसे मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, मुखिया, परिवार में आने वाले सिर्फ नए सदस्यों के ही नाम जोड़ रहे हैं।
ऐसे देखे आयुष्मान सूची में स्वयं का नाम
- mera.pmjay.gov.in इस वेबसाइट पर जाकर आयुष्मान की सूची में स्वयं के परिवार का नाम है या नहीं जाना जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले वेबसाइट पर जाकर अपना मोबाइल नंबर और कैप्चा भरने के बाद ओटीपी फीड करना होगा। आगे जो पेज खुलेगा उस पर स्वयं के बारे में मांगी गई सूचना फीड कर देख सकते हैं। इसके अलावा लोग जिला अस्पताल दुर्ग के आयुष्मान दफ्तर, नगर पालिका निगम भिलाई के कियोस्क पर, लाल बहादुर शास्त्री अस्तपाल, सुपेला और भिलाई-3 हास्पिटल में आयुष्मान मित्र के पास जाकर इससे जुड़ी जानकारी को समझ सकते हैं।
- आयुष्मान की आन लाइन सूची में जिन परिवारों के नाम हैं, उनके इलाज के लिए किसी कार्ड की जरूरत नहीं है। अपनी सहूलियत के लिए ऑनलाइन अपना नाम चेक करने के बाद वह किसी भी कियोस्क सेंटर या चयनित अस्पताल में जाकर अपना केवाईसी अर्थात छूटा हुआ डाटा फीड करा सकते हैं। केवाईसी कराने के बाद स्मार्ट कार्ड धारियों को भले ई-आयुष्मान कार्ड मिल जा रहा है, लेकिन इलाज उन्हें 50 हजार रु. तक ही मिलेगा। क्योंकि पूर्व से संचालित मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एक ही डाटा बेस पर संचालित हो रही हैं। कार्ड बदलते ही वे 5 लाख के उपचार श्रेणी में आ जा रहे हैं।