अयोध्या में राम मंदिर प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला शीघ्र आने की संभावना पर पुलिस प्रशासन पूरी एहतियात बरत रहा है। शहर के संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन कैमरे के जरिए नजर रखी जा रही है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज फैलने से रोकने को चार विशेष टीमों ने काम करना शुरू कर दिया है।
जिलाधिकारी अनिल ढींगरा और एसएसपी अजय साहनी ने अयोध्या के संभावित फैसले को देखते हुए जिलों को आठ जोन और 31 सेक्टरों में बांटकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी तैनात कर दिये हैं। सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज फैलने से रोकने के लिए चार साइबर विशेषज्ञों की टीमें बनाकर उन्हें एक्टिवेट कर दिया गया है। एसएसपी ने बताया कि शहर के 183 संवेदनशील स्थानों की ड्रोन कैमरे के जरिए निगरानी की जा रही है। इसमें घरों के ऊपर ईंट-पत्थर व हथियार छिपाकर रखे जाने पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले की घटनाओं में छतों पर इकट्ठा करके रखे गए ईंट-पत्थर के जरिए बवाल कराया गया था। मेरठ पुलिस के पास आधुनिक सुविधाओं से लैस ड्रोन कैमरा है। इसके जरिए स्पष्ट तस्वीरें मिल रही है।
एक कैमरा 250 मीटर तक के क्षेत्र को अपनी निगरानी में रख सकता है। एसएसपी का कहना है कि असामाजिक तत्वों को किसी भी प्रकार की शरारत करने नहीं दी जाएगी और उनसे कड़ाई से निपटा जाएगा। मामूली बातों पर शहर की फिजा बिगाड़ने वालों पर कड़ी धाराओं में मुकदमे दर्ज होंगे। एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह का कहना है कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। पुलिस, पीएसी, आरआरएफ, आरएएफ को संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जाएगा। साथ ही फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है। पुलिस अधिकारी पूरे शहर में पैदल गश्त कर रहे हैं।