टेलीकॉम सेक्टर में कर्ज संकट के बीच वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के हजारों कर्मचारियों के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है। खबरों के मुताबिक भारी कर्ज से दबी टेलिकॉम इंडस्ट्री के लिए सरकार की ओर से राहत उपाय नहीं किए जाने पर वोडाफोन आइडिया कभी भी अपने संचालन को बंद कर बोरिया-बिस्तर समेट सकती है।
कंपनी बंद होने पर होगा यह असर
वोडाफोन आइडिया के कामकाज बंद करने से जहां हजारों कर्मचारियों की नौकरी जाएगी, वहीं एक और कंपनी के हटने से इंडस्ट्री में कॉम्पिटीशन घटेगा और कॉल रेट्स में बढ़ोतरी की राह बन सकती है। साथ ही, विदेश से निवेश लाने के लिए जोर लगा रही सरकार की कोशिशों को धक्का लग सकता है। अगले स्पेक्ट्रम ऑक्शन से मिलने वाले राजस्व पर भी आंच आ सकती है। इस सेक्टर में निवेश प्रभावित होने से नेटवर्क क्वॉलिटी पर असर पड़ सकता है।
13,520 लोगों की नौकरियों पर खतरा
कंपनी ने कारोबार समेटा तो उसके करीब 13,520 कर्मचारियों की नौकरी जाएगी। टेलिकॉम इंडस्ट्री के कंसॉलिडेशन मोड में जाने से पहले ही करीब एक लाख लोगों की नौकरी जा चुकी है। कंसॉलिडेशन से पहले टेलिकॉम सेक्टर में 8 प्राइवेट कंपनियां थीं, जिनकी संख्या घटकर अब तीन पर आ गई है। एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया पर 39,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की अतिरिक्त देनदारी बनी है। कंपनी पहले से 14 अरब डॉलर के कर्ज से दबी है। उसके पास अभी 3 अरब डॉलर का कैश है।