पिछले कई दशकों से देश की आम जनता रिश्वतखोरी (Bribe) से परेशान है. हर छोटी-मोटी चीज़ों के लिए सरकारी ऑफिस में रिश्वत देनी पड़ती है. हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) की सरकार आने के बाद इसमें काफी गिरावट आई है. एक सर्वे के मुताबिक, देशभर में रिश्वतखोरी के मामलों में पिछले साल के मुकाबले काफी गिरावट आई है. हालांकि 50 फीसदी भारतीयों ने कहा कि उन्होंने 2019 में सरकारी अधिकारियों को घूस दी. ये सर्वे लोकल सर्कल्स और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया (Local circles Transparency International) ने किया है.
ये सर्वे 20 राज्यों में किया गया, जिसमें सामने आया कि साल 2019 में 49 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने रिश्वत नहीं दी. सिर्फ 24 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने कई बार रिश्वत दी. 27 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने एक या दो बार रिश्वत दी. पिछले साल यानी 2018 में 27 फीसदी लोगों ने कहा था उन्होंने कई बार रिश्वत दी. ज्यादातर लोगों का मानना है कि बिना रिश्वत दिए सरकारी अधिकारी या कर्मचारी समय से काम नहीं करते और परेशान करते हैं.
सर्वे की मुख्य बातें
>> 11 राज्यों में सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन या जमीन संबंधी मामले निपटाने में होती है. >>सर्वे में पता चला है कि 6 राज्यों में पुलिस सबसे ज्यादा घूसखोर विभाग है.
>>मध्यप्रदेश अकेला राज्य है जहां सबसे भ्रष्ट विभाग नगर निगम है.
सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी के मामले राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब में होते हैं. >>रिश्वतखोरी के सबसे कम मामले दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा और ओडिशा से आते हैं