Home छत्तीसगढ़ प्याज के दामों में भारी गिरावट: यह जानकर हो जाएंगे आश्चर्यचकित…

प्याज के दामों में भारी गिरावट: यह जानकर हो जाएंगे आश्चर्यचकित…

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प्याज की कीमतों ने एक बार फिर सभी को रूला दिया है. अभी प्याज की कीमतों में गिरावट के कोई आसार नहीं दिख रहे. कीमत भी अब कई जगहों पर 100 रुपये को पार कर गई है. राजधानी दिल्ली हो या लखनऊ हर ओर रिटेल बाजार में प्याज की कीमत 100 रुपये के आंकड़े को भी पार कर चुकी है.

देश के प्रमुख शहरों में प्याज 75 से 100 रुपये किलो में बिक रहा है | नीलामी में प्याज का भाव बढ़कर 11,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। यानी की थोक मंडी में प्रति किलो प्याज का दाम 100 रुपये के पार पहुंच गया है। साफ है खुदरा खरीदारों को और झटका लग सकता है। सोमवार को दिसंबर का पहला कारोबारी दिन था और होलसेल प्राइस सबसे ऊंचे स्तरों पर थी।अगस्त में प्याज के भाव 1,000 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच थे। सितंबर में दाम बढ़े और 3,000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिके। अक्टूबर में कीमतें 4,500 रुपये तक गईं और नवंबर में दाम 9,000 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। हालांकि औसत दाम 4,900 रुपये रहे।

प्याज की कीमतों ने एक बार फिर सभी को रूला दिया है. लंबा अरसा हो गया लेकिन अभी प्याज की कीमतों में गिरावट के कोई आसार नहीं दिख रहे. प्याज की कीमत अब कई जगहों पर 100 रुपये को पार कर गई है. राजधानी दिल्ली हो या लखनऊ हर ओर रिटेल बाजार में प्याज की कीमत तीन अंकों यानी 100 रुपये के आंकड़े को भी पार कर चुकी है. लखनऊ में प्याज की कमी के अलावा 2.5 फीसदी टैक्स से भी लोगों को परेशानी हो रही है.बात पहले राजधानी दिल्ली की करते हैं तो कल तक जो प्याज रिटेल बाजार में 75 से 80 रुपये बिक रहा था. वो प्याज अब थोक मंडी में ही 80 से 90 रुपये बिक रहा है. प्याज की लगातार बढ़ रही कीमत लोगों के लिए बड़ी परेशानी बनती जा रही है. थोक मंडी में 80 से 90 रुपये किलो बिकने वाला प्याज रिटेल बाजार में 110 से 120 रुपये बिक रहा है. कारोबारी मानते हैं कि आने वाले कुछ दिनों में प्याज के दाम और बढ़ेंगे.गाजीपुर मंडी यहां प्याज सिर्फ राजस्थान अलवर की मंडी से ही आ रहा है. यह देश की इकलौती मंडी है जो पूरे देश में इस वक्त प्याज की सप्लाई कर रही है जिससे पूर्ति नहीं हो पा रही है. ऐसे में प्याज के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. दुकानदार कहना है कि वो रोजाना 15 से 20 ट्रक की खपत करते थे लेकिन अब वो सिर्फ 1 से 2 ट्रक ही मंडी में आ रहा है, जिसको बेचना भी उनके लिए भारी पड़ रहा है