छत्तीसगढ़ में कवर्धा जिले के तहसीलदार को बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया है. कवर्धा तहसीलदार मनोज रावटे आज धान खरीदी केंद्रोंपर निरीक्षण करने गए थे. इसी बीच वे धान खरीदी केंद्र पनेका पहुंचे जहां पहले से ही किसान मौजूद थे. ये किसान धान का लिमिट कम किए जाने से नाराज थे. साथ ही तुलाई नहीं करवाने पर अड़े हुए थे. किसानों ने बताया कि पनेका खरीदी केंद्र में प्रतिदिन 11सौ क्विंटल धान की खरीदी होती थी. इसे अचानक घटाकर 4 सौ क्विंटल कर दिया गया जबकि पूर्व में किसानों को टोकन जारी किया जा चुका था. इसी आधार पर किसान अपना धान ट्रैक्टरों में भरकर खरीदी केंद्र पर लेकर आए थे.
फिर किसानों ने तहसीलदार को जाने दिया
धान खरीदी केंद्र पर आने के बाद किसानों को पता चला कि उनके धान को आज नहीं खरीदा जाएगा. सरकार ने जो तय किया है उसी आधार पर खरीदी होगी. इस फैसले को लेकर किसान नाराज हो गए. वे मौके पर पहुंचे तहसीलदार को इसका निराकरण किए बिना नहीं जाने दे रहे थे. करीब 4 घंटे तक किसानों ने तहसीलदार को रोके रखा. घटना की जानकारी होने पर पुलिस जवान वहां पहुंचे. धान खरीदी के नोडल अधिकारी अनिल सिदार ने भी वहां पहुंचकर किसानों को समझाने की कोशिश की. मीडिया के दखल के बाद तहसीदार को मौके से छोड़ा गया.
भारतीय किसान संघ ने कहा कि सरकार की नीयत धान खरीदने की नहीं है. इसीलिए अलग-अलग नियम लाकर सरकार किसानों को परेशान कर रही है. किसानों ने कहा कि वे इसके विरोध में आने वाले 11 दिसंबर को कवर्धा जिला मुख्यालय में चक्काजाम करेंगे. किसानों ने इस मामले में प्रशासन को ज्ञापन सौंप है. वहीं प्रशासन ने किसानों की मांग सरकार तक पहुंचाने की बात कही है.