थलसेना अब सिर्फ जमीन पर युद्ध नहीं लड़ेगी बल्कि हवाई युद्ध की क्षमता से भी लैस होगी। केंद्र सरकार सेना को दुनिया के बेहत घातक अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी देने की तैयारी कर रही है। छह अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) और उसके बाद कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की कमेटी (सीसीएस) की मंजूरी जल्द मिलने के आसार हैं।
अभी सेना के पास हेलीकॉप्टर या अन्य कोई वायुयान सिर्फ परिवहन के उद्देश्य से होता है। हवाई कार्रवाई के लिए वह वायुसेना पर ही निर्भर है। लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार थलसेना को युद्धक क्षमता वाले हेलीकॉप्टर देगी। एपाचे हेलीकॉप्टर रात्रि ऑपरेशन और ऊंची पहाड़ियों में उड़ान भरते में सक्षम हैं। इन हेलीकॉप्टरों में अत्याधुनिक हथियार भी फिट है।
कश्मीर में ऊंची पहाड़ियों की जरिए होनेवाली घुसपैठ को रोकने और चीन सीमा पर जवाबी कार्रवाई के लिए इन हेलीकॉप्टरों की खरीद को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमेरिका ने अपाचे हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल अफगानिस्तान की पहाड़ियों में तालिबान के सफाए के लिए किया था।
थलसेना अपने अभियानों में जरूरत के मुताबिक लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर सकेगी। सूत्रों के अनुसार इन हेलीकॉप्टरों की खरीद पर करीब साढ़े छह हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। अपाचे हेलीकॉप्टरों को इसी साल वायुसेना में शामिल किया गया है।