रायपुर एम्स प्रबंन ने अस्पताल में नया ड्रेस कोड लागू करने का आदेश जारी किया है। यह एक जनवरी से प्रभावी होगा। चिकित्सा कर्मियों को पद के अनुरूप ड्रेस कोड दिया गया है।
बता दें कि एम्स में आने वाले मरीज और उनके परिजन को अस्पताल में स्टाफ की पहचान करने में बड़ी परेशानी होती है। प्रबंन भी इस दिक्कत से जूझ रहा था, इसे देखते हुए ड्रेस कोड में बदलाव करने का फैसला लिया गया। आदेश के अनुसार चिकित्सक फैकल्टी के लिए फारमल ड्रेस में एप्रन, डाइटीशियन और फिजियोथेरेपिस्ट के लिए फारमल ड्रेस के साथ सफेद एप्रन में कर्मी और पद की जानकारी, नर्सिंग अधिकारी ग्रेड-1 और 2 जो ओटी, आईसीयू, एचडीयू, पीआइसीयू, सीसीयू में कार्यरत हैं उनके लिए लेवेंडर कलर का कुर्ता और पैजामा।
नर्सिंग ग्रेड-1 के कर्मी सफेद शर्ट, काला पैंट, सफेद एप्रन में लाल रंग से लिखी नेमप्लेट, नर्सिंग ग्रेड-2 के लिए भी एक ही परिान है। लेकिन इनके एप्रन में नेमप्लेट नीले रंग से लिखी होगी। सभी के जूते या जूती का रंग काला होगा। तकनीकी सुपरवाइजर, टेक्निकल ऑफिसर, टेक्नीशियन कर्मी फारमल ड्रेस के साथ ब्लू एप्रन में नजर आएंगे। चिकित्सकीय समाज सेवा अकिारी क्लीनिकल कार्य के समय फारमल ड्रेस के साथ सफेद एप्रन पहनेंगे। इसमें उनका नाम व पद लिखा होगा।
कर्मचारियों के लिए भी अलग व्यवस्था
एम्स में पंजीयन इकाई के कर्मचारी फारमल ड्रेस में नीले रंग का ब्लेजर पहनेंगे। गैर अधिकारी, टेक्नीशियन व कर्मचारी स्मोक ग्रे शर्ट, काला पैंट में होंगे। लैब अटेंडेंट पुस्र्ष सफेद शर्ट, काला पैंट, डार्क ग्रीन कॉलर के साथ स्काई ब्लू एप्रन (हाफ), महिलाएं सफेद सलवार हाईनेक, काला दुपट्टा, डार्क ग्रीन कॉलर के साथ ब्लू एप्रन पहनेंगी। लिफ्ट कर्मचारी आसमानी नीला शर्ट, काला पैंट, वाहन चालक हल्के नीले रंग की शर्ट, पैंट काला, अस्पताल परिचर लाइट सेंडल कलर की शर्ट, काला ट्राउजर, जूता, महिलाओं का परिान भी इसी रंग का होगा।
एम्स का लोगो, आईडी कार्ड अनिवार्य
नई व्यवस्था के तहत तय ड्रेस कोड में एम्स का लोगो और आईडी कार्ड अनिवार्य है। अब तक ये होता था कि वार्ड अटेंडेंट सहित अन्य स्टाफ के ड्रेस में एम्स का लोगो नहीं होता था। साथ ही आईडी कार्ड बिना भी काम चल जाता था। लेकिन अब इसमे सख्ती बरती गई है। ड्रेस कोड के हिसाब से नहीं आने वाले कर्मियों पर प्रबंधन द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
नई ड्रेस के लिए कर्मी लगा रहे चक्कर
नया ड्रेस कोड लागू होने की जानकारी मिलते ही एम्स कर्मी दुकानों के चक्कर काट रहे हैं। टेलरों द्वारा समय पर कपड़े नहीं देने से दिक्कत आ रही है। बता दें कि एम्स में लगभग 1000 से अधिक कर्मी इस दायरे में आ रहे हैं।
इनका कहना है
एम्स देश का प्रतिष्ठित संस्थान है। इमसें हर तरह से केंद्रीय मापदंडों का पालन करना होता है। इसे देखते हुए चिकित्सा कर्मियों का ड्रेस कोड बदला गया है। इसे मरीजों व उनके परिजनों को भी स्टाफ की पहचान में दिक्कत नहीं होगी।