पुराने रेगुलेटर एक तरह से प्रतिरोध ही है जब आप रेगुलेटर 1 पर करते है पंखे में जाने वाली बिजली सप्लाई के बीच में ज्यादा प्रतिरोध डालता है ज्यादा प्रतिरोध होने के कारन पंखे का मिलने वाला टर्मिनल वॉल्ट्ज कम हो जाता है और फलस्वरूप पंखा धीरे घूमता है इसी तरह अगर रेगुलेटर 5 पर करते है।
यह पंखे में जाने वाली बिजली अप्लाई के बीच शून्य प्रतिरोध डालता है जिससे पंखे को मिलने वाला टर्मिनल वॉल्ट्ज ज्यादा रहता है और पंखा तेज घूमता है इस तरह के प्रतिरोध रेगुलेटर पंखे सिस्टम की समस्या यह है की प्रतिरोध लोड की तरह होता है।
लेकिन अगर आपके घर में नए प्रकार के रेगुलेटर लगे है तो पंखे को 1 पर चलाने पर बिजली की भारी बचत होती है और इस तरह बिल कम आएगा दरअसल इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर का सिद्धांत अलग ही है।
ये प्रश्रध की जगह डायाक और ट्रायक का इस्तेमाल करते है ये भी पंखे की स्पीड कम ज्यादा करने के लिए टर्मिनल वॉल्ट्ज को कम या ज्यादा करते है पर इसके लिए ये आपने अंदर पावेर चूसने का काम नहीं करते ये आपने अंदर न के बराबर ऊर्जा खपत करते है वे सप्लाई से उतना ही पावेर लेंगे जितना पंखे को 1 पर या 5 चलने के लिए चाहिए।