एसएमएस अस्पताल ने न सिर्फ प्रदेश बल्कि पूरे उ. भारत के किसी भी सरकारी अस्पताल में सबसे पहले हार्ट ट्रांसप्लांट का कीर्तिमान रचा। गुरुवार सुबह 3.40 बजे हार्ट ट्रांसप्लांट शुरू हुआ, जो सुबह 8:50 तक चला। एसएमएस के हार्ट ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट डॉ. अनिल शर्मा सहित नौ डॉक्टर्स व 17 जनों की टीम ने करीब 5 घंटे में ये सफलता हासिल की। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि हार्ट ट्रांसप्लांट में किसी भी बाहरी डॉक्टर की मदद नहीं ली गई। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने ट्वीट कर डॉक्टर्स को बधाई दी।
मौत से जिंदगी तक: 10 को हादसा, 14 को ब्रेन डेड, 15 को तैयारी, 16 को ट्रांसप्लांट
10 जनवरी को राजसमन्द का 25 साल का सावरमल सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। उसे एसएमएस लाया गया जहां 14 जनवरी को ब्रेन डेड घोषित। परिजनों ने अंगदान की अनुमति दी। सभी अंग सही तरीके से काम कर रहे थे। हार्ट, लिवर और किडनी देना तय किया गया। कार्डियो थोरेसिक विभाग की टीम 14 जनवरी की रात से ही काम पर लग गई और रिसिपिएंट (विशाल, उम्र 17) को अस्पताल बुलाया गया। 15 की रात को पूरी तैयारी की और 16 की सुबह ट्रांसप्लांट हुआ।
दो किडनी और एक लिवर देकर 3 और जिंदगियां रोशन कीं
सावरमल ने न केवल हार्ट दिया बल्कि दो किडनी और लिवर से भी तीन जनों को नई जिंदगी दी है। एक सावरमल चार जनों को बचा गया। दोनों किडनी एसएमएस अस्पताल में और लिवर निम्स में ट्रांसप्लांट किया गया।
एसएमएस में मात्र 5 लाख और निजी में 30 लाख रु. होंगे खर्च
पहले हार्ट ट्रांसप्लांट में पैसा नहीं लिया। कार्डियो थाेरेसिक सर्जन व हार्ट ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि यहां पांच लाख रु. में ट्रांसप्लांट होगा। निजी में 30-40 लाख तक खर्च होता है।
3 दिन, 72 घंटे और 28 जनोंं की टीम लगातार काम कर रही थी
14 जनवरी को सावरमल को ब्रेन डेड घोषित किया गया। उसके बाद से ही अंगदान के लिए टीम काम करने लगी। लगातार 72 घंटे काम किया गया और अन्तत: बड़ी सफलता मिली।
इस टीम को दी गई शाबाशी
डॉ. अनिल शर्मा, (हेड, सीटीवीएस), डॉ. रीमा, डॉ. अंजुम, डॉ. सुनील दीक्षित, डॉ. ध्रुव, डॉ. अनुराग, डॉ. विमल।
सीएम गहलोत ने दी बधाई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए एसएमएस अस्पताल को बधाई दी है। उन्होंने मरीज के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।