छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद और विधायक रह चुके कांग्रेस नेता रामाधार कश्यप (84) का सोमवार देर रात करीब 3 बजे हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह बिलासपुर स्थित अपने आवास में ही थे। इसी दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने वहां मृत घोषित कर दिया। उनका अंतिम संस्कार सरकंडा स्थित मुक्तिधाम में दोपहर 12 बजे किया जाएगा। उनके निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने शोक जताया है।
पर्चा फेंका तो जेल गए, राज्य बना तो सांसद और विधायक चुने गए
रामाधार कश्यप छात्र समय से ही राजनीति में सक्रिय थे। पहचान बनी छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की मांग को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा में पर्चा फेंकने से। इसके बाद पकड़े गए और सजा भी हुई, लेकिन इस घटना ने रामाधार कश्यप को सुर्खियों में ला दिया। छत्तीसगढ़ का गठन हुआ तो तत्कालीन मुख्ययमंत्री अजीत जोगी ने साल 2002 में राज्यसभा भेज दिया। फिर सांसद रहते हुए 2003 में अकलतरा से विधानसभा का टिकट मिला और उन्होंने जीत दर्ज की।
सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में की थी शुरुआत
रामाधार कश्यप का जन्म अकलतरा के चोर भट्टी में 26 नवंबर 1938 को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा मिशन स्कूल से लेने के बाद CMD कॉलेज से स्नातक किया और फिर LLB की पढ़ाई पूरी की। उसी दौरान सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक जीवन भी शुरू हुआ। महज 30 साल से कम की उम्र में अकलतरा मंडी के अध्यक्ष चुने गए। उनकी कार्यशैली को देखते हुए कांग्रेस ने बिलासपुर ग्रामीण जिला का बनाया। लंबे समय तक भातृ संघ संस्थापक के सदस्य भी रहे। अपनी राजनीति के दौरान कई आंदोलनों में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा- उनका योगदान प्रेरित करता रहेगा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व सांसद रामाधार कश्यप के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुःख की घड़ी में ईश्वर परिवारजनों को संबल और दिवंगत आत्मा को शांति दें। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।