कलेक्टर सारांश मित्तर मंगलवार को बिलासपुर तहसील का निरीक्षण करने पहुंचे। दोपहर 3 बजे तहसील कार्यालय में पहुंचते ही तहसीलदार कार्यालय का निरीक्षण किया। यहां पहुंचते ही उन्होंने एक क्रम में रखी तीन अलमारियों में से बीच की आलमारी से एक फाइलों का बंडल रीडर से निकलवाया और आधे घंटे तक फाइलों को देखते रहे। इस दरम्यान मामलों के निपटारे में हो रही देरी और लापरवाही पर उन्होंने नायब तहसीलदार को डांटा। पूछा कि नोटशीट पर दस्तखत क्यों नहीं है। पिछले कई माह की फाइलों की नोटशीट पर नायब तहसीलदार के दस्तखत ही नहीं थे। वहां मौजूद रीडर को उन्होंने निलंबित करने का आदेश भी दिया। कलेक्टर सारांश मित्तर ने एक माह पूर्व राजस्व अफसरों की बैठक में एक माह में मामलों के निपटारे का निर्देश दिया था।
प्रभारी तहसीलदार राजकुमार साहू के कार्यालय में निरीक्षण के दौरान कलेक्टर फाइलों की पेंडेंसी पर नाराज हुए। मामले जल्द निपटाइए अन्यथा हमारे पास बहुत से ऑप्शन हैं। इस दौरान वे फाइलों के संबंध में वहां मौजूद एसडीएम देवेंद्र पटेल और रीडर से भी सवाल करते रहे।
नायब तहसीलदार शेष नारायण जायसवाल के कार्यालय के निरीक्षण के दौरान फाइलों की पेंडेंसी पर उन्होंने खूब डांटा। नायब तहसीलदार को कहा कि इतनी फाइलें क्यों पेंडिंग है।यह सुन कलेक्टर ने कहा यदि फाइलें प्रस्तुत नहीं की गई तो क्या तुमने अलमारी में रखी फाइलें चेक की। मैं अपने कार्यालय से तुम्हारे कार्यालय में आकर फाइलों की जांच कर सकता हूं और तुम चेंबर में बैठकर फाइलें क्यों नहीं चेक कर सकते।
नायब तहसीलदार के कक्ष में पहुंचकर उन्होंने एक क्रम में रखी तीन आलमारियों में से बीच की आलमारी में एक फाइल का बंडल रीडर से निकलवाया। रीडर मनोज ने कहा साहब प्रोटोकाल में थे। यह देख उन्होंने कहा क्या इस दौरान भी नायब तहसीलदार प्रोटोकॉल में थे। नायब तहसीलदार को कहा क्या तुम्हे प्रोटोकॉल का जिम्मा दें दें। फाइलों की पेंडेंसी पर रीडर से पूछा तो उसने कहा कि यह मेरे पूर्व रीडर की है। यह सुन कलेक्टर ने कहा ऐसा कहकर जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। प्रभारी तहसीलदार राजकुमार साहू ने कहा कि हम जल्द से जल्द मामलों को निपटाने की कोशिश करेंगे। हमने कलेक्टर सर को प्रत्येक शनिवार को राजस्व मामलों को निपटाने के लिए शिविर लगाने की बात भी बताई जो उन्हें पसंद आई। नायब तहसीलदार के यहां के मामलों के संबंध में प्रतिवेदन एसडीएम से कलेक्टर को जाएगा।
कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर ने मंगलवार को गोधन न्याय, राजीव गांधी किसान न्याय योजना सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के लिए आमदनी बढ़ाने गोधन न्याय योजना अभिनव उपाय है। सभी महिला स्वसहायता समूह और पशु पालकों को बुनियादी सुविधा देना हमारा दायित्व है। मंथन सभाकक्ष की बैठक में कलेक्टर ने कहा कि खरीदे गए गोबर को कम्पोस्ट में परिवर्तित कर इसे विक्रय करना उद्देश्य है। इसी संदर्भ में उन्होंने तखतपुर जनपद पंचायत सीईओ हिमांशु गुप्ता से कहा कि आपका कारनामा तो रोज सामने आ रहा है। इस पर वे चुप रहे।