कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण के खिलाफ दो डोज टीकाकरण को अत्यधिक प्रभावी पाया गया है। दो डोज टीकाकरण से मतलब ऐसे लोगों से है, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है। एक नवीनतम अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (आरजीसीआइआरसी) में कोविशील्ड वैक्सीन के प्रभाव और सुरक्षा का पता लगाने के लिए यह अध्ययन किया गया था। दोनों डोज लगवा चुके 599 स्वास्थ्यकर्मियों के आंकड़ों के विश्लेषण में यह पाया गया कि पाजिटिव पाए जाने के बाद इनमें से सिर्फ 1.16 फीसद को गंभीर संक्रमण हुआ और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी।
टीकाकरण के बारे में भ्रामक जानकारियों को खत्म करना मुख्य मकसद
अस्पताल ने एक बयान में कहा कि इस अध्ययन का मुख्य मकसद वैक्सीन को लेकर हिचक और टीकाकरण के बारे में भ्रामक जानकारियों को खत्म करने के लिए वैक्सीन के महत्व और टीकाकरण के बाद गंभीर संक्रमण की पहचान करना था। अध्ययन के मुताबिक वैक्सीन की दोनों डोज कोरोना संक्रमण के खिलाफ 81.3 फीसद सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि एक डोज 76.9 फीसद सुरक्षा देती है। इस अध्ययन ने इस मिथक को भी दूर किया है कि कोरोना वैरिएंट से संक्रमण दर बढ़ सकती है और वैक्सीन के प्रभाव पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। एक्शन एड एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक संदीप चाचरा ने कहा कि इस अध्ययन एक प्रमुख जानकारी यह मिली है कि दूसरी डोज लेने के सात से 14 दिन के बीच संक्रमित होने की दर मात्र दो फीसद थी। एक बार फिर यह साबित हुआ कि वैक्सीन कोरोना संक्रमण खासकर गंभीर संक्रमण को रोकने में बहुत प्रभावी है।