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गुना, अशोकनगर सहित ग्वालियर -चंबल संभाग के कई जिलों में 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट

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ग्वालियर-चंबल अंचल में बारिश ने रौद्र रूप धारण कर रखा। सिस्टम के एक्टिव होने से यहां पर मूसलधार हो रही है, जिस कारण नदी और नाले उफान पर हैं। हालांकि बंगाल की खाड़ी से आया सिस्टम पूर्वी हिस्से से आगे नहीं बढ़ रहा। इसका असर उत्तरप्रदेश पर ज्यादा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में गुना, अशोक नगर में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। चंबल संभाग सहित प्रदेश के 20 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। हालांकि मौसम विभाग का आंकलन है कि 8 अगस्त के बाद ही इंदौर सहित आसपास के इलाकों में बारिश के आसार हैं।

10 दिन से लगातार छाए बादल रिमझिम तो बरस रहे हैं, लेकिन तेज बारिश की दरकार अभी भी है। गुरुवार सुबह-सुबह हुई दो घंटे तेज बारिश ने कुछ राहत तो दी। 9.2 मिमी बारिश के साथ ही इस सीजन बारिश का आंकड़ा 284.7 मिमी तक पहुंच चुका है। बारिश नहीं होने, आसमान साफ होने का असर अधिकतम तापमान पर भी हुआ। पिछले 9 दिन से अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री कम होकर 25 डिग्री रिकार्ड हो रहा था। बुधवार को इसमें 2 डिग्री का इजाफा हुआ। पारा 27.2 डिग्री होकर सामान्य से 1 डिग्री कम रिकार्ड हुआ। वहीं, रात का पारा भी सामान्य से एक डिग्री बढ़कर 22.7 मिमी रिकार्ड हुआ। इंदौर में भले ही बारिश का आंकड़ा 11 इंच तक पहुंच गया है, लेकिन तालाबों के जलस्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है। अभी भी लगातार 3 से 4 इंच तेज बारिश होने की दरकार हैै, जिससे तालाबों में सालभर सप्लाई के लायक पानी जमा हो जाए।

दाैर में अब तक 11 इंच बारिश
10 दिन से लगातार छाए बादल रिमझिम तो बरस रहे हैं, लेकिन तेज बारिश की दरकार अभी भी है। गुरुवार सुबह-सुबह हुई दो घंटे तेज बारिश ने कुछ राहत तो दी। 9.2 मिमी बारिश के साथ ही इस सीजन बारिश का आंकड़ा 284.7 मिमी तक पहुंच चुका है। बारिश नहीं होने, आसमान साफ होने का असर अधिकतम तापमान पर भी हुआ। पिछले 9 दिन से अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री कम होकर 25 डिग्री रिकार्ड हो रहा था। बुधवार को इसमें 2 डिग्री का इजाफा हुआ। पारा 27.2 डिग्री होकर सामान्य से 1 डिग्री कम रिकार्ड हुआ। वहीं, रात का पारा भी सामान्य से एक डिग्री बढ़कर 22.7 मिमी रिकार्ड हुआ। इंदौर में भले ही बारिश का आंकड़ा 11 इंच तक पहुंच गया है, लेकिन तालाबों के जलस्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है। अभी भी लगातार 3 से 4 इंच तेज बारिश होने की दरकार है, जिससे तालाबों में सालभर सप्लाई के लायक पानी जमा हो जाए।