आम आदमी और केंद्र सरकार दोनों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, जुलाई 2021 के दौरान खाने-पीने की चीजों के दाम घटने और सप्लाई चेन की परेशानियां कम होने से खुदरा महंगाई दर में नरमी दर्ल की गई है. भारत की खुदरा महंगाई दर जुलाई 2021 में मामूली राहत के साथ 5.59 फीसदी रही. इसी के साथ महंगाई दर एकबार फिर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के तय लक्ष्य के भीतर आ गई है. सरकार ने बृहस्पतिवार को खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं. इसके मुताबिक, जून 2021 में खुदरा महंगाई दर 6.26 फीसदी थी.
MPC की बैठक में महंगाई बनी थी मुद्दा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के जिम्मे महंगाई पर काबू पाने का काम रहता है. लिहाजा, आरबीआई महंगाई दर का अनुमान लगाकर मुद्रास्फीति को उसी दायरे में रखने की कोशिश करता है. अभी आरबीआई के लिए महंगाई दर का लक्ष्य 4 फीसदी है. इसमें 2 फीसदी का मार्जिन है यानी महंगाई दर लक्ष्य से 2 फीसदी कम या ज्यादा रह सकती है. लगातार पांच महीने तक महंगाई दर दायरे में रही. इसके बाद यह मई और जून 2021 में ऊपरी सीमा को पार कर गई. जुलाई में फिर ये 6 फीसदी के दायरे में रही. महंगाई दर इस महीने हुई मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में अहम मुद्दा था.
खाद्य महंगाई दर में गिरावट से मिली राहत
नेशनल स्टेटिकल ऑफिस (NSO) के मुताबिक, खाद्य महंगाई दर में आई गिरावट के कारण खुदरा महंगाई दर में कमी आई है. जुलाई में खाद्य महंगाई दर 3.96 फीसदी रही, जो जून में 5.15 फीसदी थी. जुलाई 2020 में खुदरा महंगाई दर 6.73 थी, जबकि जून 2020 में यह 6.26 फीसदी रही थी. केंद्रीय बैंक ने सितंबर 2021 तिमाही में खुदरा महंगाई दर का अनुमान 5.9 फीसदी, दिसंबर तिमाही के लिए 5.3 फीसदी और चौथी तिमाही के लिए 5.8 फीसदी रखा है. वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून 2022 तिमाही के लिए यह अनुमान 5.1 फीसदी रखा गया है.
आईआईपी घटकर 13.6 फीसदी पर आ गया
इस बीच, जून 2021 में फैक्टरी में कामकाज कम हुआ है. जून में औद्योगिक उत्पादन (IIP) घटकर 13.6 फीसदी पर आ गया. इससे एक महीना पहले मई 2021 में आईआईपी की ग्रोथ 29.3 फीसदी थी, जबकि पिछले साल जून में ये नकारात्मक 16.6 फीसदी थी.