जबलपुर (Jabalpur) में दिल दहला देने वाला वाकया हुआ. दरअसल नहर के निरीक्षण के लिए निकले सिंचाई विभाग के सुपरवाइजर और सब इंजीनियर खुद ही बहाव की चपेट में आ गए. वो नहर के पानी में बहने लगे. किस्मत में जिंदगी थी, इसलिए आसपास के गांव के लोग देवदूत बनकर वक्त पर आ गए और दोनों की जान बचा ली.
यह घटना सोमवार दोपहर की है जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है. नहर का वॉटर लेवल और सप्लाई देखने के लिए फील्ड पर निकले सब इंजीनियर और सुपरवाइजर बरगी नहर में बह गए. काल के गाल में समा रहे कर्मचारियों के लिए ग्रामीण देवदूत बनकर आ गए और नहर में बहते सुपरवाइजर और एसई को बचा लिया.
रानी अवंतीबाई सागर परियोजना में बरगी से निकलने वाली दाईं तट नहर से इन दिनों खेतों के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. पनागर संभाग में पदस्थ सब इंजीनियर एसके वर्मा अपने सुपरवाइजर के साथ बाइक पर सवार होकर दोपहर 12 बजे करीब फील्ड पर निकले. खेतों पर पानी की स्थिति, नहर का बहाव और जलस्तर देखते हुए दोनों नहर के किनारे-किनारे बढ़ते हुए पनागर जनपद में मदना गांव के करीब पहुंच गए, तभी अचानक उनकी बाइक का संतुलन बिगड़ा और वो सीधे नहर की ढलान में उतर गई. देखते ही देखते दोनों अफसर नहर में जा गिरे और तेज बहाव की चपेट में आ गए.
डूबते को गमछे का सहारा
सब इंजीनियर एसके वर्मा और सुपरवाइजर खुद को बचाने की तमाम कोशिश करते रहे. पानी में काफी हाथ पैर मारे, लेकिन बहाव इतना तेज था कि दोनों बहते ही जा रहे थे. उसी दौरान कुछ राहगीरों और गांव वालों की नजर भी उन पर पड़ गई. गांव वालों ने गमछे की डोर बनाकर उसे पानी में डाला, लेकिन सफल नहीं हुए. कुछ ग्रामीणों ने नहर के बहाव के साथ किनारे-किनारे तेजी से दौड़ लगाई और ठीक आगे पहुंचकर फिर से दोनों की ओर गमछा फेंका. बड़ी मुश्किल से सब इंजीनियर और सुपरवाइजर उस गमछे को पकड़ पाए और फिर सबने मिलकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया. 15 मिनिट में दोनोंं सरकारी कर्मचारियों ज़िदगी और मौत को बेहद करीब से देख लिया. सभी की जान में जान तब आयी जब दोनों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया.