12 अप्रैल, 2021 को भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के 1.69 लाख मामले दर्ज किए गए थे. इसके साथ ही भारत कोरोना (Covid 19 in India) से प्रभावित दूसरा बड़ा देश बनने की ओर था. उसी महीने उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित हुए कुंभ मेले (Kumbh 2021) में हिस्सा लेने के लिए करीब 60 लाख लोगों ने यात्रा की थी. अब करीब 6 महीने बाद देश 15 अक्टूबर को दशहरा (Dussehra) मनाने के लिए तैयार था. लेकिन इस बार देश में उस दिन 214 दिनों में सबसे कम 16,862 कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए गए थे.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 28 अप्रैल को कुंभ समाप्त होने तक 91 लाख लोग उसमें शामिल हो चुके थे. अक्टूबर में भी ऐसा ही मामला था. फ्लाइट पूरी भरी थीं. ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट थी क्योंकि लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में यात्रा कर रहे थे. आइए यहां समझते हैं कि अब एक बड़े धार्मिक आयोजन से लेकर दूसरे आयोजन के बीच क्या बदला, जिससे कोरोना केस कम हो गए.
बड़ा टीकाकरण अभियान
16 जनवरी, 2021 को भारत में कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया गया. पहले चरण में टीकाकरण के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी गई, इसके बाद 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और 45 से अधिक को मॉर्बिलिटी वाले लोगों को टीका लगाया गया. बाद में 45 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीकाकरण में शामिल किया गया. 28 अप्रैल, 2021 को देश में 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों के लिए 1 मई से टीका लगाने की घोषणा हुई और रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया. हालांकि, कुछ राज्यों में इसमें देरी हुई. मार्च के अंत में सप्लाई और मांग संबंधी मुद्दों के कारण टीकाकरण अभियान धीमा हो गया था.
30 अप्रैल, 2021 तक 15.23 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका था. बाद के महीनों में टीकाकरण की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. भारत ने विश्व स्तर पर रोजाना अधिक वैक्सीन लगाई. देश में 15 अक्टूबर को दशहरा पर ही 8.36 लाख से अधिक कोविड-19 वैक्सीन की डोज लगाई गईं. इसके साथ ही कुल वैक्सीन डोज की संख्या 97.23 करोड़ हो गई.
देश को पहली 10 करोड़ डोज लगाने में 85 दिन लगे थे. अगले 10 करोड़ डोज में 45 दिन लगे और अन्य 29 दिनों में भारत ने 30 करोड़ का आंकड़ा छू लिया था. हालांकि सबसे बड़ा उछाल 17 सितंबर को आया, जब एक दिन में 2.1 करोड़ से ज्यादा डोज लगाए गए.