यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के लिए कांग्रेस (Congress) पार्टी ने बड़ा दांव चलने का फैसला लगभग कर लिया है. कांग्रेस पार्टी विधानसभा के चुनाव में बड़ी संख्या में महिला प्रत्याशियों को उतारने जा रही है. उम्मीद की जानी चाहिए कि 33 फीसदी से ज्यादा सीटों पर महिला प्रत्याशियों को उतारा जा सकता है. इसके लिए पार्टी संगठन में जोर-शोर से तैयारियां चल रही है. कयास लगाये जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) खुद इसका एलान करेंगी.
यूपी विधानसभा में 403 सीटों के लिए चुनाव होता है. ऐसे में यदि 33 फीसदी भी महिला प्रत्याशियों को कांग्रेस मैदान में उतारती है तो इनकी संख्या 133 ठहरती है. कयास लगाये जा रहे हैं कि इससे ज्यादा संख्या में महिला प्रत्याशियों को चुनावी समर में उतारा जायेगा.
महिला प्रत्याशियों की तलाश लगभग पूरी
महिला प्रत्याशियों की खोज के लिए पार्टी संगठन लम्बे समय से प्रयासरत है. इसकी काफी हद तक कवायद पूरी भी कर ली गयी है. बता दें कि विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का बिल अभी तक कानून नहीं बन पाया है. कांग्रेस पार्टी संसद में इस मुद्दे को उठाती रही है. अब यूपी विधानसभा में 33 फीसदी महिला प्रत्याशियों को उतारकर कांग्रेस पार्टी संसद में बिल पास करने को लेकर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रही है. हालांकि महिला आरक्षण बिल का समर्थन बीजेपी भी करती रही है लेकिन, दोनों बड़ी पार्टियों के समर्थन के बावजूद अभी तक इसे कानून नहीं बनाया जा सका है.
दूसरी पार्टियों पर दबाव बनाने की कोशिश
बता दें कि अगले साल यूपी के साथ-साथ गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखण्ड में भी विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में यूपी विधानसभा के चुनाव में 33 फीसदी से ज्यादा सीटों पर महिलाओं को कांग्रेस पार्टी मैदान में उतारती है तो इससे दूसरी पार्टियों पर भी ज्यादा संख्या में महिला प्रत्याशियों को उतारने का दबाव बढ़ जायेगा.
2017 में महज 40 महिलाएं जीतीं
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में 40 महिलायें विधायक चुनी गयी थीं. इस तरह ये संख्या कुल सदस्य संख्य़ा का महज 10 फीसदी ही है. 40 महिला विधायकों में से सबसे ज्य़ादा 34 बीजेपी से हैं. बीएसपी और कांग्रेस से दो-दो जबकि सपा और अपना दल (सोने लाल ) से एक-एक विधायक हैं.