छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़ हुई है. सुरक्षबलों ने 1 नक्सली को मार गिराया. मुठभेड़ उस वक्त हुई जब सीआरपीएफ की 201 कोबरा और पुलिस की डीआरजी की टीम पर नक्सलियों ने हमला कर दिया. मुठभेड़ सुकमा के चिंतलनार इलाके में चल रही है.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. बताया जाता है कि राज्य की पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों के बीच तालमेल की कमी के वजह से नक्सली वारदात को अंजाम देने में कामयाब हो जाते हैं. इस तालमेल की कमी की खबरें भी कई बार सामने आती हैं. हालांकि, बीएसएफ के एडीजी आरएस भट्टी हाल ही में रायपुर में थे. उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस से कोऑपरेशन, कोऑर्डिनेशन और इंटेलिजेंस शेयरिंग को उच्च स्तर का बताया है. उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ पूरी तालमेल के साथ काम कर रहे हैं. नक्सल विरोधी अभियान में साल 2009-10 से काम कर रहे बीएसएफ ने अब तक की अपनी उपलब्धियों को बताया. बीएसएफ के एडीजी आरएस भट्टी ने 2021 की उपलब्धियों पर चर्चा की.
बीएसएफ के कैंप में ढाई गुना वृद्धि
एडीजी भट्ठी ने बीएसएफ की भूमिका पर चर्चा की. उन्होंने बताय कि नक्सल विरोधी अभियान, नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास के लिए सुरक्षा की भावना और सुदृढ़ करने में सीमा सुरक्षा बल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. बीएसएफ जब राज्य में आई थी तब यहां 41 कैंप थे, जबकि आज 108 कैंप हैं. इनकी हैं. में सीमा सुरक्षा बल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. तालमेल की कमी के वजह से नक्सली वारदात को अंजाम देने में कामयाब ह संख्या में ढाई गुना वृद्धि हुई है. कांकेर और भानुप्रतापपुर में भी बीएसएफ के 2 डीआईजी मुख्यालय स्थानांतरित हुए है. साल 2021 में 3 मुठभेड़ हुईं. उन्होनें बताया कि अब तक बीएसएफ के 38 अधिकारी और जवान शहीद हो चुके हैं. 1650 माओवादी गिरफ्तार हो चुके हैं. 18 माओवादियों को मार गिराए गया हैं. 891 माओवादियों को सरेंडर करने पर मजबूर किया गया.