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किसानों को सस्‍ती खाद के लिए सरकार और खोलेगी खजाना, जानें कितना बढ़ेगा बोझ

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रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) युद्द की वजह से भारत को भी काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है. खासतौर से भारत को रूस और यूक्रेन यानी दोनों से व्यापार का घाटा हो रहा है. युद्ध की वजह से चालू वित्त वर्ष में सरकार का उर्वरक सब्सिडी बिल (Fertilizer Subsidy Bill) लगभग 10,000 करोड़ रुपये बढ़ सकता है. लेकिन कर राजस्व बढ़ने से राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को अनुमानित 6.9 प्रतिशत के करीब रखने में मदद मिलेगी.

एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका और ओपेक के सदस्य देशों द्वारा उत्पादन बढ़ाने के कारण अगले 2-3 महीनों में कच्चे तेल की कीमतें कम होने की उम्मीद है. संशोधित अनुमानों (आरई) के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में उर्वरक सब्सिडी 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रह सकती है, जबकि अगले वित्त वर्ष के बजट अनुमानों (बीई) के मुताबिक सब्सिडी 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहेगी.

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले 2-3 महीनों में कच्चे तेल की कीमतें कम हो जाएंगी. तेल की बढ़ती कीमतों से उर्वरक सब्सिडी को छोड़कर चालू वित्त वर्ष में सरकार के बजट में कोई बदलाव नहीं आएगा. उर्वरक सब्सिडी के लगभग 10,000 करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है.’’

यूरिया की घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी होगी

अधिकारी ने आगे कहा कि चूंकि किसानों को बुवाई के मौसम की शुरुआत से पहले उर्वरकों के भंडारण की जरूरत होती है, ऐसे में पोटाश के आयात के लिए अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कम होने तक इंतजार नहीं किया जा सकता. इसके अलावा प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से यूरिया की घरेलू कीमतों में वृद्धि होगी. अधिकारी ने कहा कि सब्सिडी में इस वृद्धि के बावजूद राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में संशोधित अनुमानों के अनुरूप 6.9 प्रतिशत के स्तर के करीब रहेगा.