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ऐसी मिसाइल जिसकी काट चीन के पास भी नहीं  ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रेंज 800 किलोमीटर

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इस वक्त देश भर में हर तरफ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल (brahmos supersonic cruise missile) की चर्चा है. एक ऐसी मिसाइल जो 800 किलोमीटर दूर से दुश्मनों पर निशाना साध सकती है. यानी अगर इस मिसाइल को पंजाब या फिर राजस्थान के किसी इलाके से छोड़ा जाए तो ये पाकिस्तान के किसी भी शहर को निशाना बना सकती है. साथ ही अगर इसे देश की उत्तरी सीमा पर तैनात किया जाएगा तो फिर चीन के भी कई हिस्से इसकी रेंज में आ जाएंगे.

ये मिसाइल अब 800 किमी तक दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर देगी. पहले इसकी रेंज 300 किमी थी.बाद में इसे बढ़ाकर 500 किमी कर दिया गया था. लेकिन अब ये इससे भी ज्यादा दूरी तक हमला कर सकेगी. नए वर्जन के ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों को सुखोई 30एमकेआई लड़ाकू विमानों पर फिट किया गया है.

भारतीय वायु सेना ने अपने लगभग 40 सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों से लैस किया है जो दुश्मन के शिविरों में भारी तबाही मचा सकती हैं. IAF चीन के साथ संघर्ष के चरम के दौरान इन विमानों को तंजावुर में अपने घरेलू बेस से उत्तरी क्षेत्र में ले आई थी.

ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज पहले ही बढ़ा दी गई है और ऊंचाई पर ये लंबी दूरी की यात्रा कर सकती है और 800 किलोमीटर और उससे अधिक के लक्ष्य को मार सकती है.

इस साल जनवरी में ओडिशा के तट से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के नए वर्जन का सफल परीक्षण किया गया था. ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय नौसेना की भी प्रमुख हथियार प्रणाली बन गई है और इसे सभी प्रमुख युद्धपोतों में लगाया जा रहा है.

पिछले दिनों एक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल हरियाणा के सिरसा से उड़कर पाकिस्तान में 129 किमी अंदर मियां चन्नू में जाकर गिरी थी. सिरसा और मिया चन्नू के बीच की दूरी 277 किमी है. पाकिस्तान ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. भारत ने फिलहाल जांच के आदेश दे दिए हैं.

भारत को अब ब्रह्मोस के खरीदार देश भी मिल गए हैं. इस साल जनवरी में फिलीपींस ने इसको लेकर भारत के साथ 37.4 करोड़ डॉलर का करार किया था. फिलहाल ये नहीं बताया गया कि भारत कितनी ब्रह्मोस मिसाइल फिलीपींस को देगा.

डीआरडीओ ने कहा है कि संशोधित नियंत्रण प्रणाली के साथ मिसाइल को उन्नत क्षमता प्राप्त करने के लिए इसमें और सुधार किया गया है. भारतीय शस्त्र बलों द्वारा पहले से ही ब्रह्मोस को शामिल किया जा चुका है। हालांकि, समुद्री और जमीनी लक्ष्यों को निशाना बनाने की इसकी क्षमता और प्रदर्शन में और सुधार किया जा रहा है.