जेट एयरवेज (Jet Airways) के विमान जल्द ही आसमान में उड़ान भरते नजर आएंगे. एयरलाइन के नए प्रमोटर जालान-कालरॉक कंसोर्टियम (Jalan-Calrock Consortium) का कहना है कि एयरलाइन को दोबारा शुरू करने की प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ रही है. नए प्रमोटर नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. एयरलाइन की सेवाएं एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) वैलिडेशन के बाद शुरू की जाएंगी.
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में, जालान-कालरॉक रिजॉल्यूशन कंसोर्टियम ने कहा था कि एयरलाइन 2022 की तीसरी-चौथी तिमाही से छोटी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करेगी. कर्ज में दबने के कारण जेट एयरवेज अप्रैल 2019 में बंद हो गई थी. मार्च 2019 तक घाटा 5,535.75 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. भारी कर्ज के चलते 17 अप्रैल 2019 को एयरलाइन बंद हो गई. जब कंपनी बंद हुई तो केवल 16 प्लेन इसके पास रह गए थे.
काफी जटिल है प्रक्रिया
जालान-कालरॉक कंसोर्टियम का कहना है कि एयरलाइन को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया काफी कठिन है. कंसोर्टियम टीम नियामक अधिकारियों के साथ सावधानीपूर्वक समन्वय कर रही है ताकी यह प्रोसेस पूरी तरह और जल्द कंपलीट हो जाए. यही नहीं अगले तीन से पांच सालों में जेट एयरवेज के बेड़े में विमानों को शामिल किए जाने के लिए कई एयरक्राफ्ट लेसर्स के साथ-साथ एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चर्रस के साथ कंसोर्टियम टीम बात कर रही है. जालान दुबई में रहने वाले भारतवंशी हैं बिजनेसमैन हैं. वहीं कालरॉक कैपिटल मैनेजमेंट लिमिटेड फाइनेंशियल एडवाइजरी और अल्टरनेटिव एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम करने वाली लंदन बेस्ड ग्लोबल फर्म है.
कभी बोलती थी तूती
1990 के दशक की शुरुआत में टिकटिंग एजेंट से एंटरप्रेन्योर बने नरेश गोयल (Naresh Goyal) ने जेट एयरवेज की शुरूआत की थी. उन्होंने लोगों को एयर इंडिया का विकल्प दिया था. एक वक्त में जेट एयरवेज की तूती बोलती थी और कंपनी के पास 120 हवाई जहाज थे. कंपनी जब अपनी पीक पर थी तो हर रोज 650 फ्लाइट्स ऑपरेट करती थी.