यूक्रेन पर रूसी हमले (Russian attack on Ukraine) को अब एक महीना होने को है लेकिन युद्ध (War) अब तक शांति (Peace) की ओर जाता हुआ नहीं दिख रहा है. गुरुवार की रात को रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर भारी बमबारी की जिसमें कई लोगों के मारे जाने की खबर है. उधर पश्चिमी देश रूस के खिलाफ लामबंद होने के लिए भारत को मनाने में जुटे हुए हैं. अमेरिकी सीनटरों (US lawmaker) ने भारत से आग्रह किया है कि वह यूक्रेन में नागरिकों पर हमले के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की निंदा करें. इस संबंध में अमेरिकी सीनेटरों ने अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू (Taranjit Singh Sandhu) से बात की और उन्हें कहा है कि रूस कार्रवाई के खिलाफ भारत निंदा करें.
एक बायपार्टिशन बैठक में अमेरिकी सीनेटरों ने अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत संधू से मुलाकात की है. इस बैठक के बारे में ट्वीट करते हुए अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर जो विल्सन (Joe Wilson) ने लिखा है, अपने सहकर्मियों के साथ एक बायपार्टिशन बैठक (जिसमें दोनों पार्टी के लोग एक मुद्दे पर आम सहमति रखती हो) में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू से मुलाकात हुई.
भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर शांति बहाल करे
जो विल्सन ने कहा है कि मौजूदा समय में यह महत्वपूर्ण है कि विश्व के नेता यूक्रेन में पुतिन द्वारा किए जा रहे अत्याचारों की निंदा करें. दूसरी ओर रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर रो खन्ना (Ro Khanna) ने भी इस बैठक के बारे में बताते हुए ट्वीट किया है कि अपने साथी जो विल्सन के साथ एक बायपार्टिशन बैठक में भाग लेने का मौका मिला जिसमें भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू से मुलाकात हुई. उन्होंने ट्वीट कर भारत से आग्रह किया है कि यूक्रेन में आम नागरिकों पर हो रहे हमले के खिलाफ आवाज उठाएं. उन्होंने आगे लिखा है कि हम भारत के दोस्त के रूप में भारत से आग्रह करते हैं कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए दोनों तरफ शांति स्थापित करने में अपनी भूमिका निभाएं.
डेमोक्रेट भी कर रहे हैं आग्रह
इसबीच अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी के दो प्रमुख सांसदों ने भारत से रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की निंदा करने की अपील की है. सांसदों ने कहा कि 21वीं सदी में इस प्रकार की घटनाओं के लिए कोई स्थान नहीं है. अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू को दो सांसदों टेड डब्ल्यू ल्यू और टॉम मालिनोव्स्की ने पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा, यद्यपि हम भारत के रूस के साथ संबंधों से वाकिफ हैं, लेकिन हम संयुक्त राष्ट्र महासभा में दो मार्च को हुए मतदान में हिस्सा नहीं लेने के आपकी सरकार के फैसले से निराश हैं. उन्होंने कहा कि रूस द्वारा बिना उकसावे के किया गया हमला नियम आधारित व्यवस्था की अनदेखी करता है “यूक्रेन पर हमला कर रूस उन नियमों को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है जो भारत की भी सुरक्षा करते हैं.”