बकाएदार बिल्डरों के मामले आए दिन सामने आने लगे हैं. बकाए का भुगतान ना करने वाले ऐस कई बिल्डर हैं जो प्रशासन की नजरों में हैं. सुपरटेक बिल्डर पर शिकंजा कसने के बाद नोएडा जिला प्रशासन ने वेव ग्रुप पर शिकंजा कसा है. खबर के मुताबिक वेव ग्रुप ने अपने बकाए का भुगतान नहीं किया था इस कारण ग्रुप का बैंक खाता सीज कर दिया गया है.
दरअसल नोएडा जिला प्रशासन की ओर से इन दिनों बकाएदार बिल्डरों पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. एडीएम वित्त और राजस्व वंदिता श्रीवास्तव के अनुसार वेव वेव मेगा ग्रुप पर करीब 16 करोड़ के बकाये की आरसी है. इसके अलावा वेव मेगा के एक अन्य ग्रुप पर भी बकाया है. कुल मिलाकर 25 करोड़ रुपये की बिल्डर से वसूली की जानी है. लम्बे समय से इसे लेकर वेव ग्रुप को नोटिस भेजे जा रहे थे. अब जब बिल्डर बकाया चुकता नहीं कर रहा है तो उसका बैंक खाता सीज कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार बैंक खाते में 85 लाख रुपये हैं. बैंक को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिल्डर के रुपयों को जब्त कर ले. साथ ही बैंक खाते से किसी भी तरह का लेन देन ना होने दिया जाए. इसके अलावा वेव ग्रुप के ऑफिसों को भी सील करने के आदेश दे दिए गए हैं. इसके अलावा भी अन्य बिल्डरों पर कार्रवाई की जा रही है.
जानकारी के लिए बता दें कि बीते एक सप्ताह में पांच बिल्डर के ऑफिस सीज किए जा चुके हैं. इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा सील किए गए प्रोजेक्ट की सील तोड़ने पर जेएसएस ग्रुप के खिलाफ बिसरख थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. अब जेएसएस ग्रुप की चल और अचल संपत्ति जब्त की जाएगी.