जीएसटी रेट स्ट्रक्चर (GST rate structure) में बड़ा बदलाव होने की संभावना है. समझा जा रहा है कि इसमें बदलाव सुझाने के लिए गठित की गई राज्य मंत्रियों का एक कमेटी 12 फीसदी और 18 फीसदी के स्लैब्स को मिलाकर 15 फीसदी का एक स्लैब बनाने का सुझाव दे सकती है. मतलब फिर 12 और 18 फीसदी के स्लैब हट सकते हैं और इनकी जगह पर 15 फीसदी का स्लैब आ जाएगा. हालांकि महंगाई से जुड़ी चिंताओं के चलते न्यूनतम 5 फीसदी के रेट को बढ़ाकर 8 फीसदी करने के प्रस्ताव को लेकर पैनल सतर्क है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं.
GST रेट्स को सरल बनाने के लिए बना था GoM
जीएसटी काउंसिल ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) का गठन किया था, जो जीएसटी रेट्स के सरलीकरण, वर्गीकरण से जुड़े विवादों को निपटाने और जीएसटी रेवेन्यू को बढ़ाने को लेकर अपने सुझाव देगा. मंत्रियों के समूह की सिफारिशों पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा की जाएगी और उसके बाद कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा.
अगले हफ्ते हो सकती है बैठक
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि इस GoM की बैठक अगले हफ्ते होने की संभावना है, जिसमें रेट्स पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है और सिफारिशें तय की जाएंगी. जीएसटी काउंसिल (GST Council) रिपोर्ट और राज्यों के रेवेन्यु की स्थिति पर विचार करने के लिए अगले महीने की शुरुआत में बैठक कर सकती है.
अभी क्या है GST रेट स्ट्रक्चर?
GST में 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी की दरों के साथ 4 स्तरीय स्ट्रक्चर है. इसके अलावा, महंगे मेटल्स जैसे कुछ गुड्स के लिए विशेष दरें हैं. इन सबके चलते यह व्यवस्था जटिल हो गई है. जब GST जुलाई 2017 में लागू हुआ था तो रेवेन्यु न्यूट्रल रेट लगभग 15.5 फीसदी थी.
रेवेन्यु न्यूट्रल रेट वह रेट है, जिस पर GST लागू करने पर राज्यों या केंद्र को कोई नुकसान नहीं होता है. हालांकि छूट और कई गुड्स पर दरों में कमी से यह घटकर 11.6 फीसदी रह गई है.