भारत का दक्षिण-पश्चिमी हिस्सा पिछले कई दिनों से बहुत तेज गर्मी का सामना कर रहा है. अब इसे लेकर मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को कहा कि लंबे समय तक उच्च तापमान भारत के लिए नुकसानदेह है क्योंकि इससे महंगाई बढ़ सकती है और वृद्धि प्रभावित हो सकती है.
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वैसे तो भारत में गर्मी की लहर काफी आम हैं लेकिन यह आमतौर पर मई और जून में अधिक होती हैं. हालांकि, इस साल नई दिल्ली में मई में गर्मी की पांचवीं लहर देखी गई जिससे अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया.
उत्पादन पर होगा असर
मूडीज ने कहा, “लंबे समय तक उच्च तापमान देश के उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्से को प्रभावित करेगा जिससे गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ सकता है. साथ ही यह बिजली की कटौती का कारण भी बन सकता है. इस कारण उच्च मुद्रास्फीति और वृद्धि में रुकावट संबंधी जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है.” भारत सरकार ने पहले ही जून 2022 को समाप्त होने वाले फसल वर्ष के लिए गेहूं उत्पादन के अपने अनुमान को 5.4 प्रतिशत घटाकर 15 करोड़ टन कर दिया है.
गेहूं निर्यात पर लगाना पड़ा प्रतिबंध
कम उत्पादन और वैश्विक स्तर पर गेहूं की अधिक कीमतों को भुनाने के लिए निर्यात बढ़ने से घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ने लगा जिसके बाद सरकार के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. बकौल मूडीज, “यह प्रतिबंध ऐसे समय में आया है, जब रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष के बाद भारत गेहूं की मांग के वैश्विक अंतर को पूरा करने में सक्षम हो सकता है.” मूडीज ने कहा कि प्रतिबंध से हालांकि मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने में कुछ हद तक मदद मिलेगी लेकिन इससे निर्यात और बाद में वृद्धि को नुकसान होगा. बता दें कि फरवरी के अंत में रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष शुरू होने के बाद वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतों में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, भारत द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से जिन देशों में यहां से गेहूं जाता है उन्हें और महंगी कीमतों का सामना करना पड़ सकता है.