छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने तीन आइएएस अधिकारियों के नेतृत्व में पांच सदस्यीय अध्ययन दल का गठन किया है। आइएएस शम्मी आबिदी महाराष्ट्र, पी अन्बलगन तमिलनाडु और भीम सिंह अपने दल के साथ कर्नाटक जाएंगे। यह दल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण के प्रविधानों के संबंध में सुसंगत जानकारी जुटाएगा। यह क्वांटिफिएबल डाटा आयोग आदि को प्रतिवेदन सौंपेगा।
बता दें कि 19 सितंबर को आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय की ओर से दिए गए निर्णय के बाद प्रदेश में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण घटकर 32 प्रतिशत से 20 प्रतिशत हो गया है। आदिवासी समाज इसका विरोध कर रहा है। कांग्रेस-भाजपा के बीच भी सियासत जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्यपाल अनुसुईया उइके भी इस विवाद को सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं। बताया जाता है कि तीनों अध्ययन दल की रिपोर्ट के आधार पर सरकार निर्णय लेगी।
शम्मी आबिदी की टीम जाएगी महाराष्ट्र
आदिम जाति कल्याण विभाग की आयुक्त शम्मी आबिदी के नेतृत्व में महाराष्ट्र जाने वाली टीम में सामान्य प्रशासन विभाग के अवसर सचिव एसके सिंह, आदिम जाति विकास विभाग के उपायुक्त प्रज्ञान सेठ, सेनानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश व सामाजिक कार्यकर्ता आरवी सिंह और सेवानिवृत्त आइपीएस व सामाजिक कार्यकर्ता भारत सिंह शामिल हैं।
पी. अन्बलगन की टीम जाएगी तमिलनाडु
जल संसाधन विभाग के सचिव पी. अन्बलगन के नेतृत्व में तमिलनाडु जाने वाली टीम में सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव अंशिका पांडेय, आदिम जाति कल्याण विभाग के संचालक संजय गौरव, सेवानिवृत्त आइएएस एवं सामाजिक कार्यकर्ता बीएल ठाकुर और सेवानिवृत्त आइएएस एवं सामाजिक कार्यकर्ता जीएस धनंजय शामिल हैं।
भीम सिंह की टीम जाएगी कर्नाटक
आइएएस व स्वास्थ्य विभाग के संचालक भीम सिंह के नेतृत्व में कर्नाटक जाने वाली टीम में सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव पुलक भट्टाचार्य, आदिम जाति विभाग के अपर संचालक एआर नवरंग, सेवानिवृत्त आइएएस व सामाजिक कार्यकर्ता एलएल नायक और सेवानिवृत्त आइएफएस विक्रम लकड़ा शामिल हैं।