ढोकरा आर्ट की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूम है. राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अखिल भारतीय प्रदर्शनी में ढोकरा आर्ट शिल्प की सबसे ज्यादा बिक्री हो रही है.
Bastar Dhokra Art: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में आदिवासी महिलाओं और पुरुषों द्वारा तैयार की जाने वाली ढोकरा आर्ट (बेल मेटल आर्ट) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूम मचा रही है. देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अखिल भारतीय प्रदर्शनी में ढोकरा आर्ट (बेल मेटल आर्ट) शिल्प की सबसे ज्यादा बिक्री हो रही है. इस प्रदर्शनी में देश और विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं, जो बस्तर के महिलाओं के द्वारा तैयार बेल मेटल शिल्प की जमकर खरीददारी कर रहे हैं.
दरअसल इस प्रदर्शनी में भाग लेने बस्तर जिले के अलवाही गांव के दो महिला शिल्पकार उषावती बघेल और ख़िरमानी कश्यप दिल्ली पहुंची हुई हैं. प्रदर्शनी में इन शिल्पकारों ने एक से डेढ़ लाख रुपए की शिल्प कलाकृतियों की बिक्री कर ली है. वहीं लगातार इस ढोकरा आर्ट की डिमांड की जा रही है, और कई लोग इसे तैयार करने के लिए आर्डर भी दे रहे हैं.
प्रदर्शनी में बेल मेटल आर्ट की जमकर हो रही खरीददारी
देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अखिल भारतीय प्रदर्शनी में डोकरा शिल्प कला को जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है, जिससे शिल्पकार काफी उत्साहित हैं, आमचो बस्तर हेरिटेज सोसाइटी शाखा बस्तर कलागुड़ी हस्तशिल्प निर्माता संगठन द्वारा बस्तर की परंपरागत शिल्प कलाओं को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है, जिसके चलते ही दिल्ली में अखिल भारतीय प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न राज्यों के शिल्पकार अपनी शिल्प कलाकृतियों का प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां बस्तर के इन पारंपरिक कलाकृतियों को प्रदर्शनी में आए दर्शकों की खूब सराहना मिल रही है, और इसकी जमकर खरीददारी भी हो रही है.
ढोकरा आर्ट के पितामाह राष्ट्रीय पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित
दरअसल ढोकरा आर्ट को बेल मेटल आर्ट भी कहा जाता है. बस्तर के पारंपरिक शिल्पकला में बेल मेटल आर्ट अहम स्थान रखता है. यही वजह है कि देश विदेश में इस कला को पसंद करने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, इस कला के पितामह कहे जाने वाले कोंडागांव जिले के शिल्पकार जयदेव बघेल कई अंतरराष्ट्रीय मंच पर लोहा मनवा चुके हैं, और उन्हें कई बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है.
दिल्ली के अखिल भारतीय प्रदर्शनी में भाग लेने पहुंची दोनों ही महिला शिल्प कारों ने बताया कि उन्हें बेल मेटल आर्ट की बिक्री के लिए लोगों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और कई लोग ऑर्डर भी दे रहे हैं, वहीं बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार का कहना है कि बस्तर कलागुड़ी जल्द ही विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए भी बस्तर के शिल्प देश-विदेश के बाजार से जुड़ने जा रही है, कलागुड़ी के माध्यम से स्थानीय ग्रामीण शिल्पकारों की आय बढ़ाने की खोज की दिशा में लगातार प्रशासन के द्वारा काम किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं तारीफ
गौरतलब है कि खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस ढोकरा आर्ट बेल मेटल आर्ट की जमकर तारीफ की थी और इसे तोहफे के तौर पर एक अतिथि को दिया था, बस्तर के आदिवासी शिल्पकारों के द्वारा तैयार की जाने वाली बेल मेटल आर्ट की अंतरराष्ट्रीय स्तर में भी काफी डिमांड बढ़ने लगी है.