भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल गलती से पाकिस्तान (Pakistan) के इलाके में जाकर गिरने को लेकर हो रहे विवाद के बीच एक अच्छी खबर आई है. भारत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल (brahmos supersonic cruise missile) की ताकत बढ़ाने जा रहा है. ये मिसाइल अब 800 किमी तक दुश्मन के ठिकानों के नेस्तनाबूद कर सकेगी. पहले इसकी रेंज 300 किमी थी, जिसे बढ़ाकर 500 किमी कर दिया गया था. लेकिन अब ये इससे भी ज्यादा दूरी तक मार कर सकेगी. इन मिसाइलों को सुखोई 30एमकेआई (Su-30MKI) लड़ाकू विमानों पर फिट किया गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रेंज को हाल में बढ़ाकर 500 किमी करने में कामयाबी मिली थी. ऐसा सिर्फ सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने से संभव हो गया है. मिसाइल में कोई तब्दीली नहीं करनी पड़ी है. अब इस मिसाइल की क्षमता को 800 किमी तक करने में कामयाबी मिली है. लड़ाकू विमानों के जरिए बेहद ऊंचाई से भी इसे दूर तक छोड़ा जा सकता है. भारतीय वायुसेना ने अपने 40 सुखोई विमानों पर ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइलें तैनात की हैं. ये मिसाइलें ज्यादा घातक और ज्यादा दूर तक दुश्मन को चोट पहुंचा सकती हैं. सुखोई विमानों को पहले तमिलनाडु के तंजावुर एयरबेस पर रखा जाता था, लेकिन चीन से साथ लद्दाख में टकराव के बाद इन्हें उत्तरी सीमा पर तैनात कर दिया गया है.
अपग्रेडेशन पर लगातार काम कर रहा है भारत
भारत ब्रह्मोस मिसाइलों को अपग्रेड करने पर लगातार काम कर रहा है. ब्रह्मोस के नेवी वैरिएंट (Brahmos navy variant) की क्षमता बढ़ाकर 350-400 किमी की जा चुकी है. शनिवार 5 मार्च को आईएनएस युद्धपोत से इस मिसाइल का सफल टेस्ट किया गया था. इस दौरान मिसाइल ने अपने ठिकाने पर बिल्कुल सटीक वार किया. ब्रह्मोस मिसाइल को रूस के सहयोग से विकसित किया गया है. ये आवाज की गति से तीन गुना यानी 2.8 मैक की रफ्तार से उड़ती हैं. ये रडार को भी चकमा दे सकती हैं. पहले इसकी रेंज 290 किमी थी, जिसे बढ़ाकर 350-400 किया गया था. अब इसके 800 किमी वाले वैरिएंट पर काम किया जा रहा है. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के एयर वर्जन का पिछले साल 8 दिसंबर को सुखोई 30एमकेआई से सफल टेस्ट किया गया था. अब इन्हें दूसरे लड़ाकू विमानों पर भी तैनात करने की योजना है.
हाल ही में एक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल हरियाणा के सिरसा से उड़कर पाकिस्तान (pakistan) में 129 किमी अंदर मियां चन्नू में जाकर गिरी थी. सिरसा और मिया चन्नू के बीच की दूरी 277 किमी है. पाकिस्तान ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. हालांकि माना है कि ये मिसाइल हथियारों से लैस नहीं थी. भारत ने घटना पर खेद जताते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच बिठा दी है.